चंद्रयान-3 के रोवर ने किया बड़ा खुलासा!
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्रयान-3 मिशन के आंकड़ों ने हाल ही में बड़ा खुलासा किया है। इसरो के इस मिशन के आंकड़ों से इस सिद्धांत को बल मिलता है कि चंद्रमा पर किसी समय में मैग्मा का महासागर हुआ करता था। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यह विश्लेषण चंद्रमा पर मिट्टी की माप पर आधारित है। इसे प्रज्ञान रोवर द्वारा 100 मीटर की दूरी तय करते हुए कई बिंदुओं पर रिकॉर्ड किया गया है।
चंद्रयान-3 के लैंडर ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की थी, जिसे बेंगलुरु द्वारा प्रक्षेपित किया गया था। शोधकर्ताओं ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से मिले प्रज्ञान के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पाया कि, चंद्रमा की मिट्टी एक ही प्रकार की चट्टान फेरोअन एनोर्थोसाइट (एफएएन) से बनी हुई है।
इस अध्ययन में अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के लेखक भी शामिल थे। इनका कहना है कि नासा के अपोलो और सोवियत संघ के लूना जैसे मिशन मुख्य रूप से चंद्रमा की भूमध्यरेखीय और मध्य-अक्षांश क्षेत्रों से ली गई मिट्टी के नमूनों पर निर्भर रहते हैं।
चंद्रमा की सतह का निर्माण
अध्ययन के लेखकों के मुताबिक यह परिणाम भूमध्यरेखीय और मध्य अक्षांश क्षेत्रों से लिए गए नमूनों के विश्लेषण से काफी मिलते-जुलते हैं। इसके अलावा, दूर के स्थानों से लिए गए नमूनों की समान संरचना, चंद्रमा पर मैग्मा महासागर वाली परिकल्पना को सही साबित करने की ओर इशारा करते हैं। इसे चंद्रमा के प्रारंभिक विकास के लिए व्यापक रूप से स्वीकृत परिदृश्य माना जा रहा है। इससे ये भी पता चलता है कि चंद्रमा की सतह का ऊपरी, मध्य और भीतरी हिस्से का निर्माण कैसे हुआ।
एक सिद्धांत के अनुसार, चंद्रमा का निर्माण दो प्रोटोप्लैनेट (ग्रह निर्माण से पहले का चरण) के बीच टकराव से हुए था। ऐसे में बड़ा ग्रह पृथ्वी के रूप में सामने आया और छोटा ग्रह चंद्रमा बन गया। इसके परिणामस्वरूप चंद्रमा बहुत गर्म हो उठा और उसका पूरा आवरण पिघलकर ‘मैग्मा महासागर’ में रूप में बदल गया।
अध्ययन में बताया गया है कि जब चंद्रमा का निर्माण हुआ, तब वह ठंडा हुआ और इसकी सतह पर कम घनत्व वाले एफएएन तैरने लगे। वहीं भारी खनिज नीचे डूब गए और ‘मेंटल’ में बदल गए। यह चंद्रमा के ‘क्रस्ट’ (सतह का ऊपरी हिस्सा) के नीचे स्थित है। इस विश्लेषण से यह सामने आया है कि प्रज्ञान ने चंद्रमा की मिट्टी में मैग्नीशियम की मात्रा भी पाई है।