जालंधर में पेट्रोल पंप मैनेजर से लूट का मामला, मास्टरमाइंड सहित 6 गिरफ्तार!
जालंधर : एच.एम.वी. कॉलेज के पास पैट्रोल पंप के 36 वर्षीय मैनेजर सागर ओहरी को गोली मारकर 4.50 लाख रुपए की लूट के मामले में कमिश्नरेट पुलिस ने अब तक करीब 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। कमिश्नरेट पुलिस ने टैक्निकल तरीके व काल डिटेल के माध्यम से केस को ट्रेस करते हुए इस डकैती में शामिल दो पेट्रोल पंप कर्मचारियों सहित कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया। इस पूरे केस में सूचना तंत्र की अहम भूमिका निभाने में सक्षम नवाब भी गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त पिस्तौलें और नकदी भी बरामद कर ली है। फिलहाल पकड़े गए आरोपियों का रिमांड बढ़ गया है और आगे की पूछताछ जारी है।
सूत्रों के अनुसार कमिश्नरेट पुलिस ने घटनास्थल से लेकर कई रूट की सी.सी.टी.वी. फुटेज इकट्ठा की जिसमें पुलिस को अहम सुराग मिले, जिसमें पता चला कि पैट्रोल पंप कर्मचारी समय-समय पर लुटेरों को फोन करके पैट्रोल पंप मैनेजर सागर ओहरी के बारे में जानकारी दे रहा था और यह भी बता रहा था कि वह कब पैट्रोल पंप से कैश लेकर निकलेगा। पुलिस ने पेट्रोल पंप कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो लुटेरों के मोबाइल नंबरों पर हुई कालिंग का खुलासा हुआ।
पुलिस ने पंजाब भर के पैट्रोल पंपों पर बाइक के नंबर और फुटेज भेजकर सभी को सतर्क कर दिया था। पुलिस के अनुसार जब मोटरसाइकिल पर सवार लुटेरा होशियारपुर स्थित एक पैट्रोल पंप पर पैट्रोल लेने गया तो पैट्रोल पंप कर्मचारियों ने उसे पहचान लिया जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस हिरासत में आरोपी ने कबूल किया कि उसने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था, जिसके बाद में पुलिस टीम ने शिमला के एक होटल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस सनसनीखेज डकैती में पैट्रोल पंप के दो कर्मचारी शामिल थे। उनके अनुसार यह कर्मचारी पिछले कई दिनों से नवाब के साथ मिलकर इस डकैती की योजना बना रहा था। सूत्रों का यह भी कहना है कि ये दोनों पैट्रोल पंप कर्मचारी नवाब के दोस्त थे जिन्होंने डकैती की योजना बनाई थी। योजना बनाने के बाद नवाब पैट्रोल पंप कर्मचारियों के साथ एक कैफे में अपने तीन अन्य दोस्तों से मिला, जिसके बाद लूट की वारदात को अंजाम दिया।
कैफे में मुलाकात के बाद से दोनों पैट्रोल पंप कर्मचारी अपने लुटेरे दोस्त नवाब के संपर्क में थे और उसे लगातार रेकी करने के निर्देश दे रहे थे। साथ ही पैट्रोल पंप मैनेजर सागर ओहरी पर नजर रख रहे थे कि वह रोजाना कब और किस समय पैट्रोल पंप से नकदी लेकर नई दाना मंडी स्थित एस.बी.आई. बैंक में कैश जमा कराने जाता है। यही नहीं, कर्मचारियों ने लुटेरों को उस रास्ते की स्पष्ट जानकारी दे दी थी, जिससे होकर मैनेजर नकदी को अनाज मंडी तक ले जाएगा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कैफे में बैठे पैट्रोल पंप कर्मचारियों ने घटना से करीब एक सप्ताह पहले रेकी की थी।
घटना का दिन तय करने के बाद लुटेरे उस समय घटना को अंजाम देने पहुंचे जब सागर ओहरी हर दिन की तरह नकदी लेकर निकलता था, लेकिन उस दिन वह 15 मिनट पहले ही निकल गया था। पैट्रोल पंप कर्मचारी ने फोन पर अपने साथी लुटेरों को बताया कि वह 15 मिनट पहले ही वहां से चला गया था। ऐसे में पेट्रोल पंप कर्मचारी ने लुटेरों को वारदात करने से रोका था, लेकिन इसके बावजूद लुटेरों ने वारदात को अंजाम दिया और फरार हो गए। कमिश्नरेट पुलिस केस को पूरी तरह ट्रेस कर उक्त पूरे गिरोह में शामिल सभी लुटेरों को गिरफ्तार कर मामले से पर्दा उठा सकती है।
हैरानीजनक है कि कमिश्नर स्वप्न शर्मा एनकाउंटर व अन्य घटनाओं को प्रेस कांफ्रैंस कर खुलासा कर देते हैं। मगर पैट्रोल पंप में हुई इतनी बड़ी लूट की वारदात को इतने दिन बीत जाने के बाद भी मीडिया से छुपा कर रख रहे हैं जिनको लेकर कई सवाल लोगों के जहन में उठ रहे हैं। लोग कमिश्नर स्वप्न शर्मा की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। हालांकि पुलिस अपने तरीके से सभी पहलुओं को देखते खुलासा करती है मगर जागरूक लोगों के कई सवाल हैं पुलिस प्रशासन के प्रति उठ रहे हैं।