आचार्य पीयूषसागरजी की दीक्षा जयंती पर भक्तिमय आयोजन, संतों की पावन उपस्थिति में गुणानुवाद सभा संपन्न!
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केकड़ी में शनिवार को आचार्य पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज की 41वीं दीक्षा जयंती भव्य रूप से मनाई गई। इस अवसर पर 28 जैन संतों और साध्वियों की उपस्थिति में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। नगर में भव्य वरघोड़ा जुलूस निकाला गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ केकड़ी के तत्वावधान में शनिवार को चार संघों के 28 संत व साध्वियों के सान्निध्य में आचार्य पीयूषसागरजी का 41वां दीक्षा जयंती महोत्सव विविध कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। आचार्य पीयूषसागरजी आदि ठाणा 15 की पावन निश्रा एवं साध्वी प्रियंकाजी आदि ठाणा 6, साध्वी मृगावतीजी आदि ठाणा 3 एवं साध्वी सौम्यप्रभाजी आदि ठाणा 4 के सान्निध्य में यहां सब्जी मण्डी स्थित स्थानक भवन में प्रवचन सभा, गुणानुवाद सभा, संयम अनुमोदना एवं बधावना के कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इससे पहले संतों के नगर प्रवेश का भव्य वरघोड़ा जुलूस निकाला गया। जुलूस मार्ग में श्रावक-श्राविकाओं ने आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन किए तथा गहूंली कर आशीर्वाद प्राप्त किया। यह जुलूस अजमेर रोड पर बीजासण माता मंदिर के समीप स्थित आर के हाउस से रवाना हुआ, जो नगर परिषद भवन, तीनबत्ती चौराहा, अजमेरी गेट, घण्टाघर होते हुए स्थानक भवन पहुंच कर सम्पन्न हुआ। यहां श्रीसंघ की महिलाओं ने अष्ट मंगल एवं मंगल कलश लेकर आचार्यश्री, मुनि संघ एवं साध्वी वृंद की भव्य अगवानी की। जुलूस के बाद धर्मसभा का आयोजन हुआ, जिसमें बालक-बालिकाओं एवं महिलाओं ने गीत, नृत्य, नाटिका, भजन आदि प्रस्तुत किए।
गुणानुवाद सभा को संबोधित करते हुए साध्वी प्रसिद्धि श्रीजी, साध्वी प्रणम्य श्रीजी, साध्वी प्रिसुधा श्रीजी, साध्वी सौम्यदर्शना श्रीजी, मुनि श्रुतरत्न सागर जी, मुनि श्लोकरत्न सागर जी एवं शाश्वत रत्न सागर जी आदि ने कहा कि आचार्यश्री पीयूषसागर सागर जी सूरीश्वर महाराज ने संयम की परिपालना करते हुए संघ और समाज की निष्काम भाव से सेवा की है तथा संघ और समाज में आध्यात्मिक दृष्टि से कुशलता, दक्षता एवं अपनी असीमित क्षमताओं से नित नए सृजन को आकार प्रदान किया है। संतों ने कहा कि आचार्यश्री ने तथ्यपरक लेखन व क्रांतिकारी विचारों से समाज को नई दिशा दी है। इस मौके पर मुनि श्लोकरत्न सागर जी, साध्वी अक्षय दर्शना श्रीजी व परम दर्शना श्रीजी ने भजन प्रस्तुत किए।
धर्मसभा के दौरान आगामी 9 से 13 मार्च तक केकड़ी से मालपुरा के लिए आयोजित प्रथम चतुर्विध छ:रि पालित पैदल यात्रा संघ एवं मालपुरा तीर्थ में 13 व 14 मार्च को आयोजित होने वाले विशाल व भव्य होली फाल्गुन मेले के आयोजकों ने आचार्यश्री को जिन प्रतिमा भेंट की। धर्मसभा के बाद स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजकों समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।