सौर ऊर्जा से सिंचाई का नया युग: सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना को मिलेगा विस्तार

मध्य प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर और ऊर्जा सशक्त बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। अब किसानों को दिन में सिंचाई के लिए बिजली की सुविधा सौर ऊर्जा के माध्यम से मिलेगी। इसके लिए “सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना” को प्रधानमंत्री कुसुम योजना के विस्तार के रूप में लागू किया जा रहा है। इस क्रम में 10 जून को भोपाल में एक भव्य सूर्य मित्र कृषि फीडर समिट का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें तकनीकी और निवेश से जुड़ी जानकारियां साझा की जाएंगी।

मध्यप्रदेश में किसानों को दिन में सौर ऊर्जा से सिंचाई की सुविधा देने के लिए राज्य सरकार ने “सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना” को प्रधानमंत्री कुसुम योजना के विस्तार के रूप में आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10 जून को “सूर्य मित्र कृषि फीडर समिट” भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा, जिसमें परियोजना विकासकों, संयंत्र स्थापना कर्ताओं और तकनीकी विशेषज्ञों को वित्तीय व तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगभग 8000 कृषि फीडर और 35 लाख से अधिक कृषि पंप हैं। इन फीडरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए अब 100 प्रतिशत क्षमता तक की सौर परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। इससे किसानों को दिन के समय सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध होगी, साथ ही ग्रिड स्टेबिलिटी बढ़ेगी, पारेषण हानि कम होगी और सबस्टेशन पर लो वोल्टेज, ओवरलोडिंग जैसी समस्याएं घटेंगी।

राज्य में वर्तमान में 80 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं जिससे 16000 से अधिक कृषि पंप सौर ऊर्जा से उर्जीकृत हो चुके हैं। साथ ही 240 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापना की प्रक्रिया में हैं और 200 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं। इस प्रकार कुल 520 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं से 1 लाख से अधिक पंप सौर ऊर्जा से लाभान्वित होंगे। पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत 3.45 लाख पंपों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिनमें से 2.45 लाख पंपों के सोलराइजेशन हेतु 1200 मेगावाट की सौर परियोजनाओं के लिए निविदा जारी की गई है।

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