दिल्ली: टारगेट भीड़ थी या कोई खास जगह, अलर्ट के बावजूद चूक

दिल्ली के एक अत्यंत संवेदनशील और भीड़-भाड़ वाले इलाके में हुए विस्फोट ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो खुफिया तंत्र की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था की खामियों की ओर इशारा कर रहे हैं। धमाके के बाद से ही ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस तरह की घटना को होने से क्यों नहीं रोका जा सका। अभी भी ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब मिलने बाकी हैं-
धमाके के बाद सवाल जो खड़े हुए
खुफिया अलर्ट के बावजूद चूक कहां हुई। अगर खुफिया जानकारी थी, तो दिल्ली के इतने संवेदनशील और भीड़-भाड़ वाले इलाके में यह कार और विस्फोटक कैसे पहुंच गया।
सुरक्षा व्यवस्था में कहां खामी रह गई।
क्या लापरवाही बरतने वालों को सजा मिलेगी।
आरोपी कार लेकर लालकिले तक कैसे पहुंच गया, कहीं चेकिंग के दौरान कार को रोका क्यों नहीं गया।
कार पार्किंग में तीन घंटे रहे। पार्किंग अटेंड क्या कर रहा था।
विस्फोटक कैसे और कहां से लाया गया।
इतनी भीड़-भाड़ वाली जगह पर विस्फोटक सामग्री को कैसे छिपाया गया और पुरानी दिल्ली तक कैसे पहुंचाया गया।
हथियार और विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति का स्रोत क्या था।
फंडिंग का स्रोत क्या है।
इस पूरे आतंकी मॉड्यूल को आर्थिक सहायता कहां से मिल रही थी।
असली मास्टरमाइंड कौन है।
क्या धमाके के पीछे कोई बड़ी साजिश और अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन है।
टारगेट भीड़ थी या कोई खास जगह।
लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास भीड़ भरे इलाके को जानबूझकर निशाना बनाया गया था।
क्या उमर मोहम्मद ने अकेले इस ब्लास्ट को अंजाम दिया या इसमें और भी लोग शामिल हैं।
क्या अल फलाह यूनिवर्सिटी (या अन्य) में और भी छात्र या डॉक्टर इस टेरर मॉड्यूल का हिस्सा हो सकते हैं।
आतंकी हमला, बम ब्लास्ट या सिलेंडर फटा…? हो गया स्पष्ट
राष्ट्रीय राजधानी के लाल किले के पास हुए धमाके को दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी में ”बम विस्फोट” करार दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने इस घटना में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवादी हमले की साजिश व सजा से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं। इस बम विस्फोट में 10 लोगों की मौत हो गई थी।
दिल्ली पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियां कई जगहों पर छापेमारी कर रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों एवं बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इन धाराओं में एफआईआर दर्ज
उतरी जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्राथमिकी यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत दर्ज की गई है, जो आतंकवादी हमले के लिए सजा और साजिश से संबंधित है। इसके अतिरिक्त विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत धारा तीन जीवन को खतरे में डालने वाले विस्फोट के लिए और धारा चार विस्फोट करने के प्रयास के लिए भी आरोपों में जोड़ी गयी हैं। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराएं भी लगाई गई हैं।
इनमें हत्या के लिए धारा 103(1), हत्या के प्रयास के लिए धारा 109(1) और वरिष्ठ अधिकारी पर हमले के लिए उकसाने के लिए धारा 161(2) शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धीमी गति से गुजर रही एक कार में सोमवार शाम जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिससे कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और कई वाहन जलकर खाक हो गए।
एफआईआर में ये कहा गया है-
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने लाल किले के पास हुए विस्फोट के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि …यह एक बम विस्फोट है।
पुलिस चौकी की दीवार क्षतिग्रस्त हुई है-
प्राथमिकी में यह भी उल्लेख है कि विस्फोट में दिल्ली पुलिस चौकी की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई। प्राथमिकी में शिकायतकर्ता लाल किले के चौकी प्रभारी विनोद नैन हैं। प्राथमिकी के अनुसार एक जोरदार धमाका हुआ। विस्फोट के कारण चौकी की दीवार ढह गई। पुलिस कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे और देखा कि कारें जल रही थीं, जबकि घायल सड़क पर पड़े थे। सभी घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
10 नवंबर दोपहर 3.19 बजे पार्किंग में आई-20 कार ने किया प्रवेश
दिल्ली पुलिस के अनुसार, कार ने 10 नवंबर की दोपहर 3:19 बजे पार्किंग में प्रवेश किया। शाम 6:48 बजे पार्किंग से निकली। इसके महज चार मिनट बाद ही 6:52 बजे सुभाष मार्ग लाल बत्ती पर कार में ब्लास्ट हुआ। धमाके की चपेट में आसपास खड़े कई और वाहन भी आ गए।
धमाका शाम करीब 6.52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ। धमाके के बाद व्यस्त इलाके में शव क्षत-विक्षत पड़े मिले। कई वाहन भी जल गए। विचलित करने वाले दृश्यों में जमीन पर शव और शरीर के कटे हुए अंग दिखाई दे रहे थे।
विस्फोट के कुछ ही देर में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मौके पर जमा हो गए। धमाके में दस लोगों की मौत हो गई। जबकि 24 लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सूत्रों के अनुसार, जानकारी मिली है कि संदिग्ध गाड़ी के पार्क होने के बाद कार से बाहर नहीं निकला। अनुमान है कि संदिग्ध किसी का इंतजार कर रहा था, पार्किंग में किसी से निर्देश मिलने की प्रतिक्षा कर रहा था।
इन पहलुओं पर हो रही जांच
जांच टीम यह भी पता करने में जुटी है कि उसने लगभग तीन घंटे तक इस क्षेत्र को रहना के लिए क्यों चुना। इस संभावना की भी जांच की जा रही है कि वह किसी स्लीपर सेल से किसी सहायता या संकेत का इंतजार तो नहीं कर रहा था।



