अंटार्कटिका में हुई आइस मैराथन
अब एक ऐसी ख़बर जिसे देखकर आपको ठंड लगने लगेगी. इस ख़बर में 2018 की सबसे हिम्मतवाली तस्वीरें हैं. ये विश्लेषण दुनिया के सबसे ठंडे इलाके Antarctica में हुए Ice Marathon पर आधारित है. कुछ दिन पहले भारत सहित दुनियाभर के 57 एथलीट्स ने South Pole से क़रीब एक हज़ार किलोमीटर दूर Antarctica के बर्फीले मौसम में दौड़ लगाई थी.
और Minus 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर… दौड़ना कोई बच्चों का खेल नहीं है. वो भी तब, जब दौड़ते वक्त आपको Katabatic Wind का सामना करना पड़े. Katabatic एक Greek शब्द है. जिसका मतलब होता है, नीचे जाना. Ice Marathon के संदर्भ में इस शब्द का मतलब हुआ, ऊंचे पहाड़ों से नीचे की दिशा में तेज़ रफ्तार से आने वाली हवा. दिलचस्प ये है, कि इस ख़तरनाक Marathon में हिस्सा लेने के लिए हर व्यक्ति ने खुद 12 लाख रुपये खर्च किए.
इस Marathon के अलावा Antarctica से जुड़ी एक और ख़बर ये है कि अमेरिका के Athlete और Mountain Climber, Colin O Brady…बिना किसी मदद के Antarctica को पार करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बने हैं. 33 साल के Colin को अंटार्कटिका की करीब 1 हज़ार 600 किलोमीटर लंबी यात्रा पूरी करने में 54 दिन लगे. ये दोनों ही घटनाएं कोई साधारण उपलब्धियां नहीं हैं. इसे समझने के लिए आपको Antarctica से जुड़ी कुछ बातें पता होनी चाहिए.
अंटार्कटिका का 99 प्रतिशत हिस्सा बर्फ से ढका हुआ है, जो ग्लेशियर इन महाद्वीपों को ढके रहते हैं, उन्हें ‘Ice Sheet’ कहा जाता है. Antarctica में बर्फ की औसत मोटाई लगभग 1.6 किलोमीटर है। और यहां पर पूरी पृथ्वी पर मौजूद पानी का क़रीब 70 फीसदी हिस्सा है. ये विशाल महाद्वीप 1 करोड़ 40 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है.
यहां इंसानों से ज़्यादा संख्या Penguins की है. Antarctica में मौसम का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता. ठंड बढ़ने पर समुद्र में दूर-दूर तक बर्फ जम जाती है. इस जमा देने वाली ठंड में ना तो विमान उड़ सकते हैं और ना ही समुद्री जहाज चल सकते हैं. जिस जगह पर हालात इतने मुश्किल हों, वहां पर Marathon का आयोजन कैसे हुआ, ये आप खुद देखिए.