Indigo को सरकार की लास्ट वॉर्निंग

यात्रियों की बढ़ती शिकायतों के बीच नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। मंत्रालय ने साफ निर्देश दिया है कि 7 दिसंबर 2025 शाम 8 बजे तक इंडिगो (Indigo) को अपने सभी लंबित रिफंड (IndiGo refund policy) हर हाल में क्लियर करने होंगे। फ्लाइट कैंसिलेशन और ऑपरेशनल (IndiGo flight cancellations) संकट के कारण हजारों यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी, जिसके बाद सरकार को सीधे दखल देना पड़ा।
मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि अगर यह समयसीमा नहीं मानी गई, तो कड़ी जांच और दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके साथ ही एयरलाइन को यह भी कहा गया है कि जिन यात्रियों की फ्लाइट रद्द या प्रभावित हुई है, उनसे री-शेड्यूलिंग चार्ज (no rescheduling charges IndiGo) नहीं लिया जाएगा।
24×7 हेल्पलाइन और स्पेशल सपोर्ट सेल का आदेश
स्थिति को सामान्य करने और यात्रियों को तुरंत राहत देने के लिए मंत्रालय ने इंडिगो को 24×7 हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश दिया है। साथ ही, एयरलाइन को विशेष पैसेंजर सपोर्ट एंड रिफंड सेल (Passenger Support and Refund Cell) बनाने के लिए कहा गया है, जो प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क कर रिफंड, होटल ठहराव, भोजन और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑटोमैटिक रिफंड सिस्टम चालू रहेगा, ताकि यात्रियों को बार-बार फॉलो-अप न करना पड़े।
48 घंटे में यात्री के घर तक पहुंचाना होगा सामान
फ्लाइट रद्द (IndiGo flight cancellations) होने के कारण हजारों यात्रियों का सामान एयरपोर्ट पर ही फंसा रह गया था। इसको लेकर भी मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इंडिगो को हर यात्री का बैगेज 48 घंटे के भीतर उनके घर या चुने हुए पते पर (IndiGo baggage delivery) पहुंचाना होगा। इसके लिए यात्रियों को फोन के जरिए संपर्क कर डिलीवरी तय करनी होगी। साथ ही एयरलाइन को बैगेज ट्रैकिंग और मुआवजा नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
यात्रियों के लिए Zero-Inconvenience Policy
मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने कहा है कि इस ऑपरेशनल संकट में यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग यात्रियों, छात्रों और मेडिकल इमरजेंसी वाले यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और साफ कर दिया है कि यात्रियों के अधिकारों से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं है।



