‘‘आप’’ सरकार का नशा तस्करी पर कड़ा प्रहार, पंजाब बॉर्डर पर एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात- केजरीवाल

आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब में ड्रोन के जरिए बॉर्डर पार पाकिस्तान से आने वाले नशे के खिलाफ कड़ा प्रहार किया है। शनिवार को ‘‘आप’’ सरकार ने बॉर्डर पार से नशा तस्करी पर लगाम लगाने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम लागू कर दिया। तरन तारण स्थित पुलिस लाइन परिसर में ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने तीन एंटी ड्रोन सिस्टम को लॉन्च किया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब पाकिस्तान से कोई भी ड्रोन पंजाब की सीमा में प्रवेश करेगा तो एंटी ड्रोन सिस्टम उसे पकड़कर वहीं गिरा देगा। पंजाब में जो अधिकतर नशा बिकता है वो बॉर्डर पार पाकिस्तान से ड्रोन के ज़रिए आता है। ‘‘आप’’ सरकार पंजाब में नशा बंद करने के लिए वचनबद्ध है। हम पंजाब के तीन करोड़ लोगों के साथ मिलकर नशे को खत्म करेंगे।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘नशे के विरुद्ध युद्ध’ में आज एक बहुत बड़ा चैप्टर जोड़ा जा रहा है। कुछ दिन पहले तक पंजाब में सबसे बड़ी समस्या नशा था। पिछली सरकारों ने नशा तस्करों के साथ मिलकर पूरे पंजाब के घर-घर के बच्चों को नशे में ढकेल दिया था। ऐसे लगता था, जैसे पूरा पंजाब बर्बाद हो गया है। इन लोगों ने पंजाब की जवानी बर्बाद कर दी। पंजाब में ‘‘आप’’ की सरकार बनी और हम लोगों ने नशे के विरुद्ध युद्ध अभियान शुरू किया। नशा रोकने के लिए बहुत बड़े-बड़े कदम उठाए गए हैं। चाहे कोई कितना भी बड़ा मंत्री, नेता या तस्कर क्यों न हो, ‘‘आप’’ सरकार ने सबको पकड़ कर जेल में डाला है। नशे के पैसे से इन लोगों द्वारा खरीदी गई प्रॉपर्टी को बुलडोजर से तोड़े जा रहे हैं। उनके बैंक खाते सीज किए जा रहे हैं। उस पैसे से पंजाब के बच्चों के लिए स्कूल और अस्पताल बनाए जा रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में बिकने वाला अधिकतर नशा ड्रोन के जरिए पाकिस्तान पार बॉर्डर से आता है। पाकिस्तान में बैठे लोग ड्रोन के जरिए बॉर्डर पर पंजाब की सीमा में नशा गिराते हैं। उस नशे को कोई ले जाकर बेचता है। आज पंजाब सरकार ने एंटी ड्रोन सिस्टम लागू किया है। अब पाकिस्तान से कोई भी ड्रोन पंजाब की सीमा में प्रवेश करेगा तो एंटी ड्रोन सिस्टम उसे वहीं खत्म कर देगा। ऐसे में पाकिस्तान में बैठे लोग ड्रोन के जरिए पंजाब के अंदर नशा नहीं भेज पाएंगे। अभी तीन एंटी ड्रोन सिस्टम लागू किए जा रहे हैं। कुल 9 एंटी ड्रोन सिस्टम का ऑर्डर दिया गया था। अभी 6 एंटी ड्रोन सिस्टम और आ जाएंगे। इसके अलावा भी इसकी और जरूरत होगी तो उसे भी खरीदेंगे।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में नशा बंद करने के लिए ‘‘आप’’ सरकार वचनबद्ध है और पंजाब के तीन करोड़ लोगों के साथ मिलकर नशे को खत्म करेंगे। नशा खत्म करने के लिए किसी भी चीज की कमी नहीं होने दी जाएगी। पूरे देश के अंदर पंजाब अकेला राज्य है, जिसके पास खुद का एंटी ड्रोन सिस्टम है। अब पंजाब के लोग बेबस नहीं हैं। पुरानी सरकारों ने लोगों को नशा तस्करों की गोंद में डाल दिया था। अब पंजाब नशे के खिलाफ लड़ रहा है। जल्द ही पंजाब पूरी तरह से नशा मुक्त हो जाएगा।

अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर कहा कि आज पंजाब सरकार ने एंटी ड्रोन सिस्टम शुरु कर दिया है। अब अगर कोई भी ड्रोन सरहद पार से आएगा तो हमारा सिस्टम उसे पकड़कर वहीं गिरा देगा। ये सिस्टम पंजाब में अब नशे को घुसने नहीं देगा। पंजाब से नशे को ख़त्म करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। पंजाब में जो अधिकतर नशा बिकता है वो बॉर्डर पार पाकिस्तान से ड्रोन के ज़रिए आता है। हम पंजाब के 3 करोड़ लोगों के साथ मिलकर पंजाब से नशे को खत्म करेंगे। पिछली सरकारों ने तस्करों के साथ मिलजुल कर पंजाब के घर-घर को नशे में धकेल दिया था और उन लोगों ने पंजाब की जवानी बर्बाद कर दी थी। फिर हमारी सरकार आई और नशे के विरुद्ध युद्ध शुरू किया। नशे का कारोबार करने वाले बड़े से बड़े नेता, मंत्री और तस्कर को पकड़ पकड़ के जेल में डाला है।

एंटी-ड्रोन प्रणाली सुरक्षा बलों को नशा और हथियारों की तस्करी रोकने में मदद करेगी- भगवंत मान

इस दौरान सीएम भगवंत मान ने कहा कि ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ मुहिम के तहत पंजाब ने सीमा पार से नशे की तस्करी रोकने के लिए आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है। पाकिस्तान से पंजाब की 553 किलोमीटर सीमा लगती है, जिसे नशा और हथियारों की तस्करी के लिए सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक माना जाता है। सीमा सुरक्षा को मजबूत करने और ड्रोन-आधारित तस्करी से पैदा हुई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 9 एंटी-ड्रोन सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं। इन यूनिटों पर 51.4 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। भले ही हमारे देश की सशस्त्र सेनाएं और बीएसएफ पहले से ऐसी प्रणालियों का उपयोग कर रही हैं, लेकिन पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एंटी-ड्रोन प्रणाली तैनात की है।

भगवंत मान ने कहा कि यह प्रणाली सीमा पार से नशा सप्लाई करने वाले तस्करों को कड़ा जवाब देगी। देश विरोधी तत्व अक्सर समाज विरोधी गतिविधियों के लिए तकनीक का उपयोग करते हैं। देश के दुश्मनों ने पंजाब के युवाओं की जिंदगी तबाह करने के लिए ड्रोन को हथियार में बदल दिया है और सीमा पार से नशा तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2024 में हेरोइन, हथियारों और गोला-बारूद से लदे कुल 283 ड्रोन जब्त किए गए थे और 2025 में अब तक 137 ड्रोन बरामद किए जा चुके हैं। पठानकोट से फाजिल्का तक सीमा पर दूसरी सुरक्षा पंक्ति के रूप में यह एंटी-ड्रोन प्रणाली तैनात की जाएगी। इससे सीमा के जरिए राज्य में प्रवेश करने वाले किसी भी ड्रोन को तुरंत निष्क्रिय किया जा सकेगा।

भगवंत मान ने बताया कि दूसरी सुरक्षा पंक्ति का मतलब है सीमा जिलों में पंजाब पुलिस की तैनाती, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ के पीछे काम करेगी। एंटी-ड्रोन प्रणाली सुरक्षा बलों को नशा और हथियारों की तस्करी से निपटने में मदद करेगी। यह प्रणाली उन खास सीमा क्षेत्रों में तैनात की जाएगी, जहां ड्रोन गतिविधि ज्यादा देखी गई है। पहले पंजाब पुलिस के पास ड्रोन को निष्क्रिय करने के लिए ऐसा कोई सिस्टम नहीं था, लेकिन अब यह प्रणाली पंजाब पुलिस को अधिक सक्षम बनाएगी। यह प्रणाली ड्रोन की लोकेशन और उसके ग्राउंड कंट्रोल स्टेशनों का सटीक पता लगाने में सक्षम है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह प्रणाली ऑटोमेटेड अलर्ट तकनीक के साथ आती है, जो ड्रोन गतिविधि का पता लगते ही तुरंत अधिकारियों को सूचित करती है, जिससे मैनुअल निगरानी की जरूरत नहीं रहती। इस उन्नत प्रणाली के सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए बीएसएफ, भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना और अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल बनाए रखा जाएगा। नशे के खिलाफ जंग के तहत स्कूलों में नशा विरोधी पाठ्यक्रम पहले ही शुरू किया जा चुका है, जिसका उद्देश्य 8 लाख छात्रों को नशे के खतरों के प्रति जागरूक करना है। नशे के खिलाफ पंजाब की लड़ाई अब एक महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गई है और राज्य सरकार की मुहिम युद्ध नशे के विरुद्ध के तीसरे चरण के तहत सभी सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए विशेष पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इस पाठ्यक्रम के जरिए 9वीं-12वीं के 8 लाख छात्रों को नशे के सेवन से जुड़े खतरों के बारे में बताया जाएगा और नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस नशा विरोधी कार्यक्रम में 3,658 स्कूल शामिल होंगे और छात्रों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रमुख वैज्ञानिक भी इसका हिस्सा होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2009 के बाद राज्य में नशे की जड़ें जानबूझकर राजनीतिक नेताओं के समर्थन से साजिश के तहत बोई गई थीं। हालांकि, उनकी सरकार ने इस खतरे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए व्यवस्थित रणनीति अपनाई है और सबसे बड़े सौदागरों को सलाखों के पीछे डाला गया है। जो लोग नशा तस्करों के साथ हाथ मिलाकर अपने सत्ता काल में उन्हें संरक्षण देते थे, वे आज सलाखों के पीछे हैं। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा, डी.जी.पी. गौरव यादव और अन्य मौजूद थे।

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