विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्रों से आ रहा ऊर्जा परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव…अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा

अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा श्री आलोक ने कहा कि पीएम-कुसुम योजना के माध्यम से प्रदेश में तेजी से विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो रहे हैं। बीते करीब एक वर्ष में इस क्षेत्र में राजस्थान ने जो प्रगति हासिल की है, वह देश के ऊर्जा परिदृश्य में आ रहे बदलाव का उल्लेखनीय उदाहरण है।

श्री आलोक शनिवार को राजस्थान इंटरनेशनल के कांफ्रेंस हॉल में प्रदेश की विद्युत वितरण निगमों के अधिकारियों की संयुक्त कार्यशाला को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

प्रदेश में बिजली वितरण के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों तथा डिजिटाइजेशन को लेकर आयोजित इस कार्यशाला में श्री आलोक ने कहा कि आने वाले दो साल में प्रदेश के सभी 33/11 केवी सब स्टेशन से जुड़े क्षेत्र में पीएम कुसुम योजना के जरिए विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्र विकसित करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। एनर्जी के इस ट्रांजिशन में रॉकफेलर फाउंडेशन के सहयोग से ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपुल एंड प्लेनेट (जीई-एप) प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में तकनीकी सहभागी की भूमिका निभा रहा है।

डिस्कॉम्स चेयरमैन सुश्री आरती डोगरा ने कहा कि पीएम कुसम योजना के जरिए डिस्कॉम्स द्वारा विकेन्द्रित सौर ऊर्जा को गति दी जा रही है। राज्य में कंपोनेंट-ए एवं कंपोनेंट-सी को मिलाकर अब तक 600 मेगावाट क्षमता से अधिक के लघु सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। इससे न केवल हानिकारक कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में हम सफल हो रहे हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक जीवन में भी बदलाव आ रहा है। डिस्कॉम्स के अभियंता से लेकर लाइनमैन तक इस एनर्जी ट्रांजिशन में चेंज एजेंट की भूमिका निभा रहे हैं।

रॉकफेलर फाउंडेशन के निदेशक श्री शुधोन्धु बासु ने कहा कि एसी, मोबाइल, गैजेट, एप्लाइंसेज, ई-व्हीकल आदि के उपयोग से देश में बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में जीवाश्म आधारित ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करने तथा अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देना आवश्यक है। इस काम में डिजिटाइजेशन, एआई टूल्स, डेटा मैनेजमेंट तथा सूचना तकनीक के उपयोग से हम एनर्जी ट्रांजिशन के लक्ष्य को बेहतर तरीके से हासिल कर सकते हैं।

नीति आयोग के पार्टनर के रूप में ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपुल एंड प्लेनेट की टीम के सदस्यों ने बानसूर पायलट प्रोजेक्ट से आए सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव, पीएम-कुसुम योजना के सफल क्रियान्वयन, विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली आपूर्ति की मॉनीटरिंग के लिए डिस्कॉम्स को दिए जा रहे तकनीकी सहयोग तथा इसके लिए तैयार किए गए विभिन्न मोबाइल एप, टूल्स, मॉडयूल्स आदि के उपयोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित डिजिटल सॉल्यूशन ‘एज इलेक्ट्रा ‘ तथा लाइनमैन ऐप के माध्यम से लोड फ्लो मैनेजमेंट एवं असेट्स के डिजिटाइजेशन की जानकारी भी दी। पीएम कुसुम योजना के स्टेक होल्डर्स के साथ बेहतर समन्वय के लिए तैयार सीएमएस पोर्टल आदि के बारे में भी बताया।

इस अवसर पर जोधपुर एवं अजमेर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक, निदेशक (तकनीकी एवं वित्त), तीनों डिस्कॉम के सभी क्षेत्रीय मुख्य अभियंता (ओ एंड एम), प्लानिंग, प्रोजेक्ट एवं मॉनीटरिंग, तकनीकी सुरक्षा एवं गुणवत्ता नियंत्रण, मीटर प्रोटेक्शन एवं आईटी, मैटेरियल मैनेजमेंट, कुसुम, आरडीएसएस सहित अन्य विंग के मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता, इसके साथ ही ओएंडएम, रेगुलेशन, प्लान, पीएम सूर्यघर, पीएम कुसुम, आरडीएसएस आदि योजनाओं से संबंधित अधीक्षण अभियंता मौजूद रहे।

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