रामजल सेतु लिंक परियोजना सहित अन्य कार्यों में लाएं तेजी; मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश को जल क्षेत्र में पूर्ण आत्मनिर्भर बनाना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से सरकार ने कार्यकाल की शुरुआत से ही अनेक महत्वपूर्ण जल एवं सिंचाई परियोजनाओं की पहल की है ताकि प्रदेशवासियों को पर्याप्त जल उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रामजल सेतु लिंक परियोजना सहित अन्य कार्यों में और तेजी लाई जाए।
मुख्यमंत्री श्री शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आमजन और किसानों तक जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। सिंचाई परियोजनाओं एवं विकास कार्यों को नियमित मॉनिटरिंग के माध्यम से समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाए।
रामजल सेतु लिंक परियोजना के कार्यों में आए तेजी—
श्री शर्मा ने कहा कि राज्य के समग्र विकास में जल एक मूलभूत आवश्यकता है। इसी दृष्टि से सरकार ने जल स्रोतों के विकास, उनकी संग्रहण क्षमता बढ़ाने तथा जल प्रबंधन को सुदृढ़ करने से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि रामजल सेतु लिंक परियोजना के माध्यम से प्रदेश की बड़ी आबादी को निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। परियोजना के चरणबद्ध कार्यों को निर्धारित कार्ययोजना के अनुरूप पूर्ण करने के लिए संबंधित अधिकारी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ कार्य करें।
बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि परियोजना के अन्तर्गत लगभग 9400 करोड़ रुपये की लागत के 3 प्रगतिरत कार्यों में से रामगढ बैराज एवं महलपुर बैराज के काफर डेम एवं ड्रेनेज चैनल का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। नवनेरा बैराज से पानी को बीसलपुर एवं ईसरदा बांध में अपवर्तन करने के लिए चम्बल नदी पर एक्वाडेक्ट तथा मेज से गलवा, गलवा से ईसरदा बीसलपुर फीडर के कार्य भी प्रगतिरत हैं।
उन्होंने बताया कि रामजल सेतु परियोजना के अन्तर्गत बीसलपुर से मोर सागर (अजमेर), ईसरदा से बंध बारैठा (भरतपुर), ईसरदा से रामगढ (जयपुर), खुरा चैनपुुरा से जयसमंद (अलवर) एवं ब्राह्मणी बैराज के लगभग 14 हजार 600 करोड़ रुपये के पांच कार्य भी शीघ्र आरम्भ किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अन्य परियोजनाओं के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान जल संसाधन विभाग एवं मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।



