कड़कड़डूमा में बनेगा दिल्ली का पहला केंद्रित विकास क्षेत्र

डीडीए ने कड़कड़डूमा में दिल्ली का पहला केंद्रित विकास क्षेत्र (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) प्रोजेक्ट मंजूर किया है। इस योजना का नाम टावरिंग हाइट्स एट ईस्ट दिल्ली हब हाउसिंग स्कीम 2025 रखा है। इस योजना के तहत 1026 फ्लैट बनाए जाएंगे जो सार्वजनिक परिवहन से सीधे जुड़ेंगे।

योजना को ऑनलाइन नीलामी के जरिये लॉन्च किया गया है, ताकि प्रक्रिया पारदर्शी रहे। इस नीति में मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की सीमा में आने वाले क्षेत्रों में बिल्डरों को अधिक निर्माण क्षेत्र (एफएआर) की सुविधा दी गई है। इसमें मिलने वाली राशि उसी क्षेत्र के विकास में खर्च होगी। डीडीए ने बुधवार को पूरी दिल्ली में विकास को नई दिशा देने वाले कई अहम फैसले लिए।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक में नरेला, कड़कड़डूमा, राजिंदर नगर और साउथ दिल्ली जैसे क्षेत्रों में बड़े प्रोजेक्टों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों से दिल्ली के आवास, खेल, शिक्षा और शहरी ढांचे में बड़ा सुधार होगा। बैठक में उपराज्यपाल ने निर्देश दिया कि डीडीए, नगर निगम और दिल्ली सरकार के सभी विभाग मिलकर काम करें और लंबित आपसी मामलों का निपटारा जल्द किया जाए। इसके लिए मुख्य सचिव जल्द एक समन्वय बैठक बुलाएंगे।

नरेला में बनेगा खेल और शिक्षा का केंद्र

डीडीए ने नरेला उप नगरी के विकास के लिए दो बड़े निर्णय लिए। पहला सेक्टर जी-3 और जी-4 में करीब 75 एकड़ भूमि पर कई खेलों के लिए मैदान, कोर्ट और प्रशिक्षण केंद्र और खेल परिसर के निर्माण के लिए भूमि उपयोग में बदलाव को मंजूरी दी गई। यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग 1 और हवाई अड्डे से जुड़ा है। यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकेंगी, जिससे युवाओं को खेल के अवसर और रोजगार मिलेंगे। दूसरा सेक्टर जी-7 और जी-8 में करीब 10 एकड़ भूमि पर विश्वविद्यालय विकसित करने के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन को अंतिम मंजूरी दी गई। इससे नरेला को शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां आधुनिक कैंपस, अनुसंधान केंद्र और कौशल विकास संस्थान स्थापित होंगे।

पुराने सरकारी क्वार्टरों का होगा पुनर्निर्माण

सफदरजंग डेवलपमेंट एरिया और ओल्ड राजिंदर नगर में बने पुराने सरकारी क्वार्टरों के पुनर्विकास को मंजूरी दी गई। ये मकान 50 साल से अधिक पुराने हैं और अब जर्जर हालत में हैं। डीडीए इन क्षेत्रों में आधुनिक, सुरक्षित और सौर ऊर्जा सक्षम आवास बनाएगा। यह परियोजना एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड की निगरानी में स्ववित्त पोषित मॉडल पर चलाई जाएगी, यानी निर्माण लागत बिक्री योग्य क्षेत्र से पूरी की जाएगी।

लैंड पूलिंग नीति को मिली गति

बैठक में लैंड पूलिंग नीति से जुड़े क्षेत्रों में भूमि उपयोग परिवर्तन को भी मंजूरी दी गई। करीब 40 हेक्टेयर क्षेत्र में यह बदलाव किया जाएगा। यह नीति दिल्ली के 105 शहरी गांवों में लागू है जो छह योजना जोनों में फैले हैं। इनमें से पी-2 जोन का सेक्टर 8बी पहला क्षेत्र है, जिसने 70 फीसदी भूमि पूलिंग हासिल कर ली है, जिससे वहां विकास कार्य शुरू किए जा सकेंगे।

व्यावसायिक केंद्रों के लिए बढ़ी एफएआर नीति

डीडीए ने योजनाबद्ध वाणिज्यिक केंद्रों के लिए बढ़े हुए एफएआर की नीति को एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। इससे निवेशकों और बिल्डरों को राहत मिलेगी जो पहले इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाए थे। यह नीति 2018 में शुरू हुई थी, ताकि दिल्ली में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके।

सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के निवासियों को राहत

बैठक में सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के निवासियों को राहत देने का निर्णय लिया गया। पुनर्विकास के चलते मकान खाली करने वाले निवासियों को किराया भत्ता दिया जाएगा। उच्च आय वर्ग वालों को 50 हजार रुपये प्रति माह और मध्यम आय वर्ग वालों को 38 हजार रुपये प्रति माह किराया दिया जाएगा। यह राशि जुलाई 2023 से लागू होगी और हर साल इसमें 10 फीसदी की वृद्धि की जाएगी।

सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष आवास योजना

डीडीए ने कर्मयोगी आवास योजना 2025 को भी मंजूरी दी। यह योजना नरेला में सरकारी कर्मचारियों, सेवानिवृत्त अधिकारियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए होगी। इसमें 25 फीसदी तक की छूट दी जाएगी ताकि सरकारी वर्ग को सस्ते और अच्छे घर मिलें।

डीडीए के ये फैसले भी महत्वपूर्ण

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