चीन के इस खोज की पूरी दुनिया में रही चर्चा, अब क्या मंगल ग्रह पर होगी खेती?
अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने के लिए वैज्ञानिक सालों से शोध कर रहे हैं। अब चीन ने एक ऐसा काम किया है जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। चांद से चीन धरती पर मिट्टी और कुछ सैंपल लाने वाला पहला देश बन गया है। चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने बड़ी सफलता हासिल की है। अब चीन के वैज्ञानिकों ने एक पौधे की खोज की है। संभावना है कि यह पौधा मंगल ग्रह के लिए बेहद अनुकूल है। चीनी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह पौधा अंटार्कटिका और मोजावे के रेगिस्तान (Mojave Desert) में मिलता है।
इससे पहले चीन के चांग ए 6 अंतरिक्ष यान ने 25 जून को चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र से चट्टान और मिट्टी के नमूने इकट्ठा किया था। यह एक चीन का ऐतिहासिक मिशन था। चीन का यान चांद की सतह से मिट्टी के सैंपल लेकर धरती पर वापस आया था। चीन ने इसे बेहद सफल मिशन बताया था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ऐसा पौधा खोजा है, जो संभव है कि मंगल ग्रह की कठोर जलवायु में जीवित रहने और बढ़ने में सक्षम है।
वैज्ञानिक रूप से इस पौधे का नाम सिंट्रिचिया कैनिनर्विस है। यह पौधा अत्यधिक ठंड, अत्यधिक सूखे में भी जीवित रह सकता है। वैज्ञानिकों की टीम ने दावा किया है कि उनका शोध ग्रीन हाउस के विपरीत ग्रह की सतह पर पौधों की खेती की संभावना पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि ऐसे वातावरण में संपूर्ण पौधों के अस्तित्व की जांच करने वाला पहला है। उन्होंने कहा कि अध्ययन से पता चला है कि एस. कैनिनर्विस की पर्यावरणीय लचीलापन कुछ अत्यधिक तनाव-सहिष्णु सूक्ष्म जीवों और टार्डिग्रेड्स से बेहतर है।
‘द इनोवेशन’ पत्रिका के एक नए पेपर में यह अध्ययन प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं ने दस्तावेज में बताया है कि कैसे रेगिस्तानी काई न सिर्फ जिंदा रही, बल्कि करीब पूर्णनिर्जलीकरण से भी जल्दी ठीक हो गई। इसके अलावा यह -196 सेल्सियस पर 30 दिनों तक और -80 सेल्सियस पर पांच साल तक गामा किरणों के संपर्क में रहने के बाद भी सामान्य रूप से जिंदा रही।