बजट में बिहार को फिर मिला झटका! तेजस्वी बोले- विशेष राज्य का दर्जा नहीं
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि वह केंद्र सरकार से बिहार के लिए कुछ भी नहीं मांग रहे। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए सरकार की मजबूती के बावजूद राज्य को बजट में अनदेखा किया गया।
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्रीय बजट 2025 पर नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस बजट में बिहार के लिए कोई नई योजना या विशेष प्रावधान नहीं किया गया है, सिर्फ पुरानी घोषणाओं को दोहराया गया है। तेजस्वी यादव ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से बिहार की जनता के साथ अन्याय किया गया है।
‘बिहार को मिला सिर्फ आश्वासन, विकास के लिए कुछ नहीं’
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक सहायता और बुनियादी ढांचे के लिए ठोस योजनाओं की जरूरत थी। लेकिन इस बजट में उन उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन मोदी सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि पिछले साल के बजट में केंद्र सरकार ने बिहार के लिए 59 हजार करोड़ रुपये की घोषणाएं की थीं। लेकिन वे घोषणाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गईं। जमीनी स्तर पर उसका कोई प्रभाव नहीं दिखा। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। बिहार के लिए इस बजट में कुछ भी ठोस नहीं है।
बजट को बताया ‘गांव-गरीब विरोधी’
तेजस्वी यादव ने इस बजट को गांव, गरीब और किसान विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर है और यहां के किसान, मजदूर और छोटे व्यापारी इस बजट से निराश हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए क्या किया गया? कृषि क्षेत्र में बिहार को क्या मिला? स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कौन-से बड़े प्रावधान किए गए?
तेजस्वी ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार को लगातार नजरअंदाज कर रही है और इस बार भी बजट में राज्य को कोई विशेष पैकेज नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से दक्षिण भारत के राज्यों को आर्थिक सहायता और पैकेज मिल रहे हैं, उसी गति से बिहार को कुछ नहीं दिया जा रहा।
‘कहां गया बिहार के लिए घोषित पैकेज का पैसा?’
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि जब चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के लिए दो लाख करोड़ रुपये का पैकेज ले जा सकते हैं, तो बिहार को क्यों नजरअंदाज किया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार बिहार के हक की लड़ाई लड़ने में विफल रहे हैं और केंद्र सरकार के सामने उन्होंने बिहार के हक की बात ठीक से नहीं रखी। तेजस्वी ने कहा कि केंद्र की सरकार बिहार से सिर्फ मतलब निकालती है, लेकिन कुछ देती नहीं। नीतीश कुमार भी अब केंद्र सरकार से सवाल नहीं पूछते। बिहार की जनता के साथ बार-बार विश्वासघात हो रहा है।
‘बिहार को मिलता सिर्फ धोखा, नहीं है कोई विकास योजना’
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार को पिछले कई वर्षों से सिर्फ आश्वासन और झूठे वादे मिलते आए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के लिए नई सड़कों, पुलों, उद्योगों, आईटी पार्क और रोजगार के अवसरों पर कोई बात ही नहीं की गई। उन्होंने कहा कि बिहार को न तो कोई बड़ा रेलवे प्रोजेक्ट मिला, न ही कोई औद्योगिक निवेश की घोषणा हुई। बिहार के युवाओं को रोजगार के लिए आज भी पलायन करना पड़ रहा है। बजट से हमें उम्मीद थी कि बिहार में नई फैक्ट्रियां, स्मार्ट सिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
‘नीतीश कुमार चुप क्यों?’
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि वह केंद्र सरकार से बिहार के लिए कुछ भी नहीं मांग रहे। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए सरकार की मजबूती के बावजूद राज्य को बजट में अनदेखा किया गया। उन्होंने नीतीश कुमार से सवाल किया कि बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग कब करेंगे? क्या बिहार की जनता को हमेशा केंद्र सरकार के भरोसे ही छोड़ दिया जाएगा?
‘बिहार की जनता के साथ सौतेला व्यवहार’
तेजस्वी यादव ने बिहार के लोगों से अपील की कि वे इस सौतेले व्यवहार को समझें और अपने हक की लड़ाई लड़ें। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार बिहार को लगातार नजरअंदाज करती रहेगी, तो राज्य कभी विकास की दौड़ में आगे नहीं आ पाएगा। उन्होंने अंत में कहा कि हम बिहार के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे। जब तक बिहार को उसका वाजिब हक और विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता, तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे। बिहार के लोगों को अब अपनी आवाज उठानी होगी।