भारत का इकलौता राज्य, जिसे अंग्रेज़ कभी नहीं बना सके गुलाम, नाम सुनकर चौंक जाएंगे आप!

भारतीय विरासत और परंपरा बहुत समृद्ध रही है. यहां की सम्पन्नता का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अंग्रेज़ों ने इसे सिर्फ लूटने के उद्देश्य से ही अपना उपनिवेश बना लिया. वे यहां पर 200 सालों तक राज करते रहे और यही वजह है कि उनके कल्चर की छाप भारतीय राज्यों पर गहरी पड़ी. हालांकि एक राज्य ऐसा भी था, जिसने अंग्रेज़ों की गुलामी कभी नहीं की.

हम सभी जानते हैं कि अंग्रेज़ों ने किस तरह से पूरे भारत को अपना गुलाम बना लिया था और सैकड़ों साल तक इस पर शासन करते रहे. उन्होंने भारतीय जनता को खूब प्रताड़ित किया लेकिन अपने देश का एक राज्य ऐसा भी है, जहां राज करना उनका सपना ही रह गया. वे कभी इसे अपना गुलाम नहीं बना पाए. आखिर ऐसा कैसे संभव हुआ कि ये राज्य अंग्रेज़ों के जुल्म से बचा रह गया.

इस सुंदर राज्य पर नहीं हुआ अंग्रेज़ों का कब्ज़ा
ऐसा नहीं है कि इस राज्य में संपदा नहीं थी या ये खूबसूरत नहीं था, ये तो आज भी अपनी सुंदरता के लिए पर्यटकों की नंबर वन पसंद है. हम बात कर रहे हैं समंदर के घिरे हुए बेहद खूबसूरत राज्य गोआ की. ये कभी भी अंग्रेज़ों का गुलाम नहीं रहा. ये राज्य अंग्रेज़ों के सितम से बचा रहा, उसकी वजह पुर्तगाली थे. वे अंग्रेज़ों से पहले ही साल 1498 में भारत पहुंच गए थे. वास्को डी गामा ने भारत की खोज की, उसके बाद ही पुर्तगालियों ने यहां व्यापार करना शुरू कर दिया था. इस दौरान अंग्रेज़ों और पुर्तगालियों के बीच कई युद्ध भी हुए, लेकिन कभी भी गोआ ब्रिटिशर्स के अधीन नहीं था.

गुलाम रहा, पर अंग्रेज़ों का नहीं
अंग्रेज़ जहां 1608 में भारत के सूरत में पहुंचे थे. उन्होंने व्यापार करके भारतीय संसाधनों और संपत्ति को अपने देश तक पहुंचाया. धीरे-धीरे उन्होंने देश पर कब्ज़ा भी करना शुरू कर दिया. हालांकि उन्हें 1947 में उन्हें भारत को छोड़ना पड़ा. भारत का गोआ राज्य उनके अधीन नहीं रहा और जब सारा देश आज़ाद हो गया, तब भी गोआ पुर्तगालियों का गुलाम रहा. वे करीब 400 साल तक भारत में रहे. जब अंग्रेज़ों ने देश छोड़ दिया, तब भी पुर्तगालियों के हाथ में गोआ रहा. 1961 में यहां से पुर्तगालियों का राज खत्म हो गया.

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