मुंबई में प्रवासी राजस्थानी सांस्कृतिक सम्मेलन का आयोजन, मुख्य अतिथि रहीं उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी

जयपुर: उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा कि चाहे हम कितनी भी दूर क्यों न चले जाएं, हमारी मिट्टी और संस्कृति से जुड़ाव हमेशा बना रहता है। प्रवासी राजस्थानी न केवल अपनी जड़ों से जुड़े हैं, बल्कि जहां भी रहते हैं वहां की प्रगति में भी योगदान देते हैं।

मुंबई के भायंदर स्थित मैक्सस डोम एंड बैंक्वेट में सोमवार को राजस्थान प्रवासी फाउंडेशन की ओर से ‘प्रवासी राजस्थानी सांस्कृतिक सम्मेलन’ का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में मौजूद रहीं।

कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत, ग्रामीण विकास मंत्री ओटाराम देवासी, महंत प्रताप पुरी विधायक, विधायक दीप्ति किरण महेश्वरी, महेंद्र काबरा, मेघराज धाकड़, भंवर कुलारिया, नरसी कुलरिया, खेत सिंह, रतन सिंह और भूपेंद्र सिंह राठौड़ सहित कई जनप्रतिनिधि और प्रवासी बंधु मौजूद रहे।

राजस्थान की संस्कृति का रंगारंग प्रदर्शन
सम्मेलन में राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए हजारों प्रवासी राजस्थानी भाई-बहनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मंच पर लोकनृत्य और लोकगीतों की शानदार प्रस्तुतियों ने माहौल को रंगीन बना दिया। पारंपरिक परिधानों और सांस्कृतिक झलकियों ने प्रवासियों को उनकी मिट्टी की याद दिला दी।

प्रवासियों की एकजुटता और योगदान की सराहना
अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा कि चाहे हम कितनी भी दूर क्यों न चले जाएं, हमारी मिट्टी और संस्कृति से जुड़ाव हमेशा बना रहता है। प्रवासी राजस्थानी न केवल अपनी जड़ों से जुड़े हैं, बल्कि जहां भी रहते हैं वहां की प्रगति में भी योगदान देते हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, निवेश, पर्यटन, शिक्षा, चिकित्सा और सुरक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार कर रही है, ताकि राज्य को देश का अग्रणी प्रदेश बनाया जा सके।

निवेश और पुनः जुड़ाव का आमंत्रण
कार्यक्रम में राजस्थान के गौरवशाली इतिहास, त्योहारों, उद्योग-व्यापार और सामाजिक सेवा में प्रवासियों की अहम भूमिका पर विशेष प्रकाश डाला गया। मंच से प्रवासी बंधुओं को राजस्थान आकर निवेश करने और अपने राज्य के विकास में योगदान देने का भी आमंत्रण दिया गया।

सम्मेलन का समापन आपसी संवाद, सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच हुआ, जिसमें राजस्थान की खुशबू, रंग और अपनापन हर पल महसूस किया गया।

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