सात साल बाद दिल्ली के लोगों को आतिशबाजी की मिली अनुमति

दिल्ली के लोग करीब सात साल बाद दीपावली पर पटाखे जला पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट से ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति मिलने के बाद दिल्लीवासी बेहद खुश हैं। इससे उत्साहित दिल्ली सरकार ने इसके लिए कोर्ट का धन्यवाद किया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि ये निर्णय देश की सांस्कृतिक संवेदनाओं और जनभावनाओं को समझने वाला कदम है, जो परंपरा और पर्यावरण संरक्षण दोनों के बीच सुंदर संतुलन स्थापित करता है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंचने के कारण राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी), दिल्ली सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने साल 2015-16 से ही पटाखों पर नियंत्रण लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार दिल्ली एनसीआर में पारंपरिक पटाखों की बिक्री और उपयोग पर अस्थायी रोक लगाई।

अदालत ने यह माना कि पटाखे प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक हैं। इनके प्रयोग पर सख्त नियंत्रण जरूरी है। तब से दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध रहा। इस साल सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर 19 और 20 अक्तूबर को सुबह 6 से 7 बजे और रात को 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाने की सशर्त छूट दी है। दिल्ली सरकार की ओर से अधिकृत विक्रेता ही ग्रीन पटाखे बेचेंगे।

फिलहाल सरकार ने साफ किया है कि अभी उसने किसी को भी ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति नहीं दी है। जल्द ही विश्वसनीय और सक्षम विक्रेताओं को अधिकृत लाइसेंस दिया जाएगा। इसके लिए बुधवार शाम को मंत्री ने दिल्ली के
तमाम पटाखा दुकानदारों के साथ बैठक की है।

दिल्ली सरकार कराएगी कोर्ट के निर्देशों का पालन
बुधवार को सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि सरकार ज्यादातर दुकानदारों को लाइसेंस देगी, ताकि ग्रीन पटाखों की कालाबाजारी न हो। सबको आसानी से पटाखे उपलब्ध हों। दिल्ली पुलिस, एमसीडी, डीपीसीसी, सीपीसीबी सहित दिल्ली सरकार की अन्य जिम्मेदार एजेंसियां ग्रीन पटाखों की बिक्री, इन्हें जलाने के समय, कोर्ट के निर्देशों का पालन कराएंगी। उन्होंने दिल्लीवासियों से सरकार के साथ मिलकर नियमों का पालन कराने में सहयोग करने की अपील भी की है। मंत्री ने कहा है कि लोगों के सहयोग से दीपावली के पर दिल्ली की हवा बेहतर रही तो ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति आगे भी जारी रहेगी।

नीरी से प्रमाणित, क्यूआर कोड लगे ग्रीन पटाखे ही बिकेंगे
दिल्ली सरकार ने साफ निर्देश दिये हैं कि केवल नीरी की ओर से प्रमाणित क्यूआर कोड लगे ग्रीन पटाखे ही दुकानदार बेच पाएंगे। इनकी बिक्री 18 से 20 अक्तूबर तक तीन दिन तक की जा सकेगी। ग्रीन पटाखों की बिक्री के स्थान और बिक्री के लिए अस्थायी लाइसेंस जिलाधिकारी और पुलिस उपायुक्त जल्द ही तय करेंगे। सभी जिलों में अधिक दुकानों को लाइसेंस दिए जाएंगे।

दिल्ली में ग्रीन पटाखे जलाने की सुप्रीम कोर्ट से छूट मिलने के बाद पर्यावरण मंत्री ने डिविजनल कमिश्नर नीरज सेमवाल, दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त रविंद्र यादव, डीपीसीसी के चेयरमैन संदीप कुमार और पीईएसओ, नीरी, एमसीडी और एनडीएमसी और संबंधित एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और कोर्ट के दिशा निर्देशों को लागू करने की तैयारी की। पीईएसओ प्रमाणित पटाखा विक्रेताओं के साथ भी मंत्री ने बैठक की। मंत्री ने कहा, इस दीपावली पटाखा विक्रेता भी सरकार के अभियान का हिस्सा रहेंगे। वे लोगों को बताएंगे कि केवल ग्रीन पटाखे ही मान्य हैं और सुप्रीम कोर्ट ने इनके उपयोग का समय सिर्फ दो घंटे रात में 8 से 10 बजे और एक घंटा सुबह 6 से 7 बजे तय किया है। यह छूट फिलहाल अस्थायी है, लेकिन अगर दिल्ली ने अनुशासन और जागरूकता दिखाई तो यह स्थायी भी हो सकती है।

एक्यूआई रिपोर्ट सीपीसीबी, सुप्रीम कोर्ट रोज जाएगी
मंत्री ने बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) 14 से 25 अक्तूबर तक हर दिन एक्यूआई स्तर की निगरानी करेगी। इसकी रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व सुप्रीम कोर्ट को भेजी जाएगी। कोर्ट के निर्देश का पूरा पालन किया जाएगा।
साल 2018 में वैज्ञानिक संस्थान सीएसआईआर नीरी ने ग्रीन पटाखे विकसित किए। अक्तूबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों के सीमित उपयोग को सशर्त अनुमति दी थी।
पिछली सरकार ने कोर्ट से कहा कि राजधानी में ग्रीन पटाखों की पहचान, प्रमाणन और वितरण को लेकर कोई स्पष्ट व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। इस कारण दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध जारी रहा।
ज्यादा लाइसेंस : सिरसा
पर्यावरण मंत्री ने ये साफ नहीं किया है कि कुल कितने दुकानदारों को ग्रीन पटाखे बेचने के लाइसेंस दिए जाएंगे। हालांकि ये जरूर कहा है कि ज्यादा संख्या में लाइसेंस दिए जाएंगे ताकि कालाबाजारी न हो। दिल्ली पुलिस को निर्देश दिये हैं कि वे दो दिन के भीतर ग्रीन पटाखों के अस्थायी बिक्री लाइसेंस देने की प्रक्रिया पूरी करें। दीपावली के बाद दो दिन का समय विक्रेताओं को दिया जाएगा, ताकि बचा हुआ माल लौटाया या सुरक्षित तरीके से इसका निपटान किया जा सके।

प्रतिबंध के बावजूद दीपावली पर हवा रही गंभीर : साल 2019 और 2020 में दीपावली के समय प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी में रहने के कारण दिल्ली सरकार ने ग्रीन पटाखों सहित सभी प्रकार के पटाखों पर पूर्ण रोक जारी रखी। नवंबर 2020 में एनजीटी ने भी आदेश दिया कि जिन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब या उससे ऊपर है, वहां किसी भी प्रकार के पटाखों का उपयोग नहीं किया जा सकता। साल 2021, 2022, 2023 और 2024 में भी ग्रीन पटाखों पर प्रतिबंध लागू रहा। 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि उसने ग्रीन पटाखों पर सर्वमान्य रोक नहीं लगाई है लेकिन राज्यों को स्थानीय प्रदूषण स्थिति के आधार पर प्रतिबंध लगाने की स्वतंत्रता दी है।

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