हरियाणा: अब स्कूलों की स्थिति जांचेगी सरकार, कराई जाएगी रेटिंग…

चंडीगढ़:  हरियाणा के सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक स्तर और अन्य गतिविधियों की जांच होगी। इसके लिए रेटिंग सिस्टम लागू होगा। कॉलेजों की तर्ज पर स्कूलों की भी रेटिंग करने का निर्णय सरकार ने लिया है। पहले फेज में आरोही मॉडल स्कूलों, मॉडल संस्कृति स्कूलों और पीएमश्री स्कूलों में प्रमाणीकरण (एक्रीडेशन) का काम शुरू किया है। इसके बाद इसे प्रदेश के सभी स्कूलों में लागू किया जाएगा।

हालांकि शुरुआती दौर में समस्याएं भी आ रही हैं। विभाग उन्हें भी दूर करने में जुटा है। स्कूलों में कंप्यूटर सिस्टम और ऑपरेटर नहीं होने की वजह से ऑनलाइन स्व-मूल्यांकन के काम में रुकावटें आ रही हैं। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने स्व-मूल्यांकन के लिए अंतिम समय सीमा बढ़ाते हुए 28 दिसंबर तक कर दी है। हालांकि इसके बाद भी अधिकांश स्कूल मुखियाओं की समस्या कम नहीं हो रही है।

हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष हरीओम राठी व कोषाध्यक्ष चतर सिंह का कहना है कि अधिकांश स्कूलों में ना तो कंप्यूटर हैं और ना ही ऑपरेटर। लिपिक, सुरक्षा गार्ड और फुल टाइम स्वीपर के पद भी खाली पड़े हैं। मॉडल संस्कृति स्कूलों के मुखियाओं पर कक्षा पढ़ाने का भी दायित्व है। इन स्कूलों में छात्रों की संख्या के आधार पर पांच से 35 तक सेक्शन हैं। इन कक्षाओं की निगरानी एवं स्कूल की सभी व्यवस्थाएं को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्कूल मुखिया को कक्षा के दायित्व से मुक्त रखना होगा।

शिक्षक नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अधिकतर प्राइमरी शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी व अन्य गैर-शैक्षणिक ड्यूटियों पर लगाया हुआ है। यहां तक कि कुछ विद्यालयों के स्कूल मुखिया भी बीएलओ ड्यूटी कर रहे हैं। इससे स्कूलों में पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्होंने कहा कि राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों को पर्याप्त सुविधाएं देकर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए। इसके बाद ही स्कूलों का मानकीकरण किया जाना चाहिए।

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