इस देश में 3 लाख रुपये किलो बिक रहा मीट, राष्ट्रपति ने चोरी से बेच दिया 7 टन सोना
कुछ साल पहले तक रईस देशों में शुमार दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के उत्तर में स्थित वेनेजुएला इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. देश में अराजकता के माहौल के बीच यहां की जनता खाने को तरस रही है. इस देश के आर्थिक हालात खराब हो गए हैं और महंगाई आसमान छू रही है. पिछले दिनों मीडिया रिपोर्टस में खुलासा हुआ था कि यहां पर एक लीटर दूध के लिए लोगों को एक लाख रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं. वहीं एक किलो मीट की कीमत 3 लाख रुपये पर पहुंच गई है. इस सबके बीच इस देश से जुड़ी एक और चौकाने वाली जानकारी सामने आई है.
प्रतिबंधों से बचते हुए पूर्व अफ्रीका भेज दिया सोना
वेनेजुएला की निकोलस मदुरो सरकार की तरफ से गुपचुप तरीके से देश का सोने का भंडार बेचने की खबर सामने आई है. वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने काफी बड़ी मात्रा में सोना अमेरिका के थोपे गए प्रतिबंधों से बचते हुए पूर्व अफ्रीका भेज दिया है. वॉल स्ट्रीट जनरल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार वेनेजुएला और युगांडा के अधिकारियों का कहना है कि दो फ्लाइटों से 30 करोड़ डॉलर से ज्यादा कीमत के 7.4 टन सोना गुपचुप वेनेजुएला से युगांडा की एक रिफाइनरी पहुंचा दिया गया है.
यूएस ने मदुरो सरकार पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए
दस्तावेजों की जांच करने वाले युगांडा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, पार्सल से जुड़े पेपरवर्क के कारण गोल्ड बार होने का पता चला. इनमें से कुछ पर वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक की संपत्ति के स्टैम्प लगे हुए थे. जहाजों की यह गुपचुप तरीके से हुई आवाजाही भी इस ओर इशारा कर रही है. अमेरिका ने वेनेजुएला के विपक्षी दल के नेता जुआन गुएडो को राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता दी है इसलिए यूएस ने मदुरो सरकार पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं. इतना ही नहीं अमेरिका ने दुनिया के अन्य देशों को भी मदुरो सरकार के साथ किसी भी तरह की व्यापारिक साझेदारी निभाने को लेकर चेतावनी दी हुई है.
वेनेजुएला में चल रही लड़ाई देश के बाहर आई
वेनेजुएला में जुआन गुएडो और राष्ट्रपति निकोलस मदुरो के बीच चल रही लड़ाई अब बाहर आ चुकी है. अमेरिका समेत 50 देश विपक्षी नेता गुएडो के पक्ष में हैं जबकि कुछ देर मदुरो को सपोर्ट कर रहे हैं. युगांडा पुलिस का भी कहना है कि एंतेब्बे एयरपोर्ट से सोना अफ्रीकी गोल्ड रिफाइनरी लिमिटेड (AGR) पहुंचा. यह रिफाइनरी रनवे से महज 500 यार्ड की दूरी पर है. रिफाइनरी के बाद सोना मध्य-पूर्व में निर्यात के लिए भेज दिया गया.
AGR ने सोने के इस्तेमाल से इनकार किया
युगांडा पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि रिफाइनरी में ऑपरेशन 2015 में शुरू हो चुका है. इसमें से ज्यादातर सोना संघर्ष से जूझ रहे कांगो से या दूसरे अफ्रीकी देशों से स्मगल होकर आता था. AGR अपने सोने की आपूर्ति कई अमेरिकी कंपनियों को करता है. साल 2018 में करीब 237 यूएस कंपनियों की आपूर्ति चेन में सार्वजनिक तौर पर AGR का नाम सामने आया था. कंपनी की जीएम चेरी एने डैकडैक का कहना है कि कंपनी तस्करी कर लाए गए या संघर्ष क्षेत्र से लाए गए सोने का इस्तेमाल नहीं करती.
अब तक कुल 38 टन सोना प्रोसेस किया
एजीआर की तरफ से मार्च की शिपमिंट को लेकर भी कोई जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने बताया कि 26 मार्च को हुई बैठक में कंपनी मैनेजमेंट की मीटिंग में सहमति बनी है कि अब वेनेजुएला से जुड़ा कोई लेन-देन नहीं किया जाएगा. डैकडैक का कहना है कि AGR ने अब तक कुल 38 टन सोना प्रोसेस कर निर्यात किया है. मीडिया रिपोटर्स के अनुसार इस रिफाइनरी को युगांडा के राष्ट्रपति युवेरी मुसेवेनी से मदद मिलती है.
मदुरो सरकार द्वारा की गई सोने की बिक्री विवादित रही है. वेनेजुएला के वित्त आयोग ने फरवरी में बताया था कि 2017 की अंतिम तिमाही से 1 फरवरी 2019 के बीच केंद्रीय बैंक ने यूएई और तुर्की की कंपनियों को 73.3 टन सोना बेचा. इस सोने की बाजार में कीमत करीब 3 अरब डॉलर थी. इस बारे में जब व्हाइट हाउस को पता चला तो उसकी तरफ से वेनेजुएला की सोने की बिक्री को रोकने के लिए प्रतिबंधों की घोषणा कर दी गई.
विपक्षी दलों का आरोप है कि प्रतिबंधों के बावजूद कई टन सोना केंद्रीय बैंक से बाहर निकल चुका है और इसे चुपके से निर्यात कर दिया गया है. एक सांसद ने कहा, मदुरो बचे हुए खजाने का इस्तेमाल कर रहे हैं और नकदी के लिए देश का सब कुछ बेचने को तैयार हैं.