सार्वजनिक शौचालयों के डर को कैसे दूर करें..

सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण आम जनता की सुविधा के लिए किया जाता है, लेकिन यह भी सच है कि इसके इस्तेमाल से वास्तविकता में काफी डर भी लगता है। कई लोग ऐसे बिना किसी झिझक इनका इस्तेमाल कर लेते हैं, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं, जो अपने पेशाब को नियंत्रित करते हैं या फिर कई केवल सार्वजनिक शौचालय का उपयोग ना करना पड़े इसके लिए पानी का सेवन कम करते हैं। वजह एक ही है वहां की गंदगी। सार्वजनिक शौचालय कोई भी हो वहां की गंदगी डराने वाली होती है।

कभी-कभी, परिस्थितियां ऐसी बन ही जाती हैं कि आपको सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करने के लिए मजबूर कर देती हैं। इनका उपयोग करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होने के कारण यह काफी चुनौतीपूर्ण लग सकता है। 

चाहे आप कितने भी सफाई स्प्रे, या टॉयलेट पेपर ले जाएं। ऐसे में अगर आपको भी सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल से डर लगता है, तो आप शाई बाउल जिसे पारुरेसिस भी कहते हैं, नामक मानसिक विकार से पीड़ित हो सकते हैं। कई बार ऐसा होता है जब आपको सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने या शौच करने के बजाय इसे रोक कर रखना ज्यादा सहज लगता है। इसके लिए आज हम कुछ ऐसे ही टिप्स और ट्रिक्स के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिससे आप सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करते समय अपनी स्वच्छता का प्रबंधन करना सीख सकते हैं।

शौचालयों के डर को कैसे दूर करें-

• आधे उकड़ू होकर न बैठें

• अपने पेशाब को नियंत्रित न करें

• अपने आप को डिहाइड्रेट न करें

1. सीट सैनिटाइजर और टिश्यू कभी न भूलें

सार्वजनिक शौचालय हर किसी के उपयोग के लिए खुले हुए हैं। हर वर्ग के लोग रोजाना इसका इस्तेमाल करते हैं, जिसके चलते इनके टॉयलेट सीट गन्दे पाए जाते हैं। जब भी आप ऐसी स्थिति में फंसे और आसपास कोई मदद करने वाला न हो, तो आपको सीट को साफ करने के लिए अपने दैनिक बैग में एक सैनिटाइज़र और एक टिश्यू ले जाने की आदत बना लेनी चाहिए और फिर इसका उपयोग करना चाहिए।

2. पी कोन को साथ रखें

हाल के वर्षों में, पब्लिक टॉयलेट्स का उपयोग कई गुना बढ़ गया है। ऐसे में अनहाईजीनिक शौच का इस्तेमाल करने से कीटाणुओं का खतरा बढ़ सकता है, जो आगे चलकर संक्रमण का कारण बन सकता है। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं, कि आप अपने बैग में पी कोन को साथ रखें ताकि आप खड़े होकर पेशाब कर सकें और किटाणुओं के संपर्क में आने से बच सकें।

3. वेस्टर्न टॉयलेट सीट्स के बजाय भारतीय शौचालयों को चुनें

भारतीय शौचालयों को इस तरह से बनाया जाता है कि कीटाणुओं से आपका समंपर्क कम होता है और वे आपके पूरे शरीर के लिए भी अच्छे होते हैं। पश्चिमी शौचालयों का उपयोग आम है, लेकिन इनसे अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का भी जन्म होता है।

4. साफ करने के लिए हैंड शॉवर का इस्तेमाल करें

अगर आप किसी सार्वजनिक शौचालय में घुस गए हैं और उसे गंदा पाते हैं तो इस्तेमाल करने से पहले हैंड शॉवर या पानी का उपयोग करें, भले ही आपके पास टिश्यू न हो। पानी के उपयोग को कोई भी फैंसी ट्रीटमेंट मात नहीं दे सकता। इसलिए अगर आपके पास टिश्यू नहीं है, तो बैठने से पहले सीट को ठीक से साफ करने के लिए हैंड शॉवर का उपयोग करें।

5. सीट को ऊपर उठाएं और निचली सतह पर बैठें

सार्वजनिक शौचालय में जाने वाली अधिकांश महिलाएं पेशाब या शौच के लिए सीट पर बैठती हैं। इसलिए, महिलाओं के शौचालय में निचली सतह का सबसे कम उपयोग किया जाता है। आप खुद को सुरक्षित और स्वच्छ रखने के लिए उपर की रिम को उठा सकती हैं और निचली सतह पर बैठ सकती हैं।

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