होली 2024: कैसे हुई ब्रज में लट्ठमार होली की शुरुआत

भारत के विभिन्न हिस्सों में होली का त्योहार अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। होली के दिन पूरा देश रंगों से सराबोर रहता है। वहीं देश के कुछ हिस्सों ऐसे भी हैं, जहां होली के दिन अलग-अलग तरह की परंपराएं निभाई जाती हैं। ब्रज की लट्ठमार होली तो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां लड्डू मार होली भी खेली जाती है, जबकि राजस्थान में कोड़ामार होली की परंपरा भी काफी पुरानी है। इन परंपराओं के तहत महिलाएं ही पुरुषों को पीटती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इनकी शुरुआत कब और कैसे हुई। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

इस साल बरसाना में 18 मार्च और नंदगांव में 19 मार्च को हुरियारनें हुरियारों मनाई जाएगी। यानी इस दिन महिलाएं पुरुषों को लट्ठ से पीटकर होली का त्योहार मनाएंगी। इस दौरान पुरुष भी ढाल से अपना बचाव करते नजर आएंगे। इस दिन चारो तरफ रंग और गुलाल की बौछार होती है। ब्रज की लट्ठमार होली देखने के लिए दुनियाभर से लोग यहां आते हैं। इसे राधा-कृष्ण के अद्वितीय प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।

किवदंतियों के अनुसार, लट्ठमार होली की शुरुआत श्रीकृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ की थी, जिसके बाद से आज तक नंदगांव के पुरुष और बरसाना की महिलाएं इस होली में शामिल होने के लिए जुट जाती हैं। लट्ठमार होली के ठीक एक दिन पहले लाडली जी के मंदिर में बरसाना की लड्डू मार होली होती है।

इसमें पहले लाडली जी के महल से नंदगांव में फाग का न्योता आता है, फिर राधा रानी के महल में इसे स्वीकार करने का संदेश दिया जाता है। स्थानीय लोगों की माने तो जब नंदगांव के पुरोहित संदेश लेकर लाडली जी के महल पहुंचते हैं, तो उन्हें खाने के लिए बहुत सारे लड्डू मिलते है, जिसे वो खुशी में लुटाने लगते हैं। इसी को लड्डू मार होली कहा जाता है

एक अन्य कहानी के मुताबिक, पुरोहितों को खाने के लिए लड्डू देते समय गोपियों ने उनको गुलाल भी लगा दिया था। इस दौरान पुरोहितों के पास गुलाल नहीं था। ऐसे में उन्होंने लड्डू फेंकने शुरू कर दिए और तभी से लड्डू मार होली की परंपरा शुरू हो गई।

राजस्थान में भी होली एक अलग अंदाज में मनाई जाने की परंपरा है। यहां भी महिलाओं द्वारा पुरुषों को पीटने का रिवाज है, लेकिन इसमें केवल भाभी-देवर ही हिस्सा लेते हैं। इस दिन महिलाएं पुरुषों को पीटने के लिए कोड़े का इस्तेमाल करती हैं. इसलिए इसे कोड़ामार होली नाम दिया गया है।

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