विजय दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, PM मोदी समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

आज पूरा देश 1971 की जंग में मिली जीत को याद करते हुए विजय दिवस मना रहा है। इसको लेकर आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, द्रौपदी मुर्मु समेत कई नेताओं ने 1971 के जंग में शामिल जवानों को श्रद्धांजलि दी है। साथ ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों को सलाम किया।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘आज विजय दिवस पर हम उन बहादुर सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करते हैं जिन्होंने 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया। उनके निस्वार्थ समर्पण और अटूट संकल्प ने हमारे देश की रक्षा की और हमें गौरव दिलाया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, यह दिन उनकी असाधारण वीरता और उनकी अडिग भावना को श्रद्धांजलि है। उनका बलिदान हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और हमारे देश के इतिहास में गहराई से समाया रहेगा।’

द्रौपदी मुर्मु ने क्या लिखा?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, विजय दिवस पर मैं अपने बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं, जिन्होंने 1971 के युद्ध के दौरान अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए भारत को जीत दिलाई। कृतज्ञ राष्ट्र हमारे बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान को याद करता है।

‘देश जवानों के बलिदान को नहीं भूलेगा’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दिन को याद करते हुए एक्स पर ट्वीट किया,’ देश जवानों के बलिदान और सेवा को कभी नहीं भूलेगा। आज विजय दिवस के खास मौके पर भारत के सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को सलाम करता है। उनके अटूट साहस और देशभक्ति ने सुनिश्चित किया कि हमारा देश सुरक्षित रहे।’

भारतीय वायु सेना ने भी एक्स पर एक पोस्ट में 16 दिसंबर को समाप्त हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपनी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने पोस्ट में लिखा, 1971 का भारत-पाक युद्ध 16 दिसंबर 1971 को लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी के बिना शर्त आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ, जो एक स्वतंत्र बांग्लादेश के जन्म का प्रतीक था।

वायु सेना ने किया पोस्ट
यह ऐतिहासिक क्षण एक समन्वित सैन्य प्रयास के माध्यम से हासिल किया गया था, जिसमें भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 13-दिवसीय संघर्ष में त्वरित और निर्णायक परिणाम सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे उपयुक्त रूप से “बिजली युद्ध” कहा गया।

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