दिल्ली: नमो भारत कॉरिडोर को मिला वैश्विक सम्मान

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर को सतत और समावेशी परिवहन के लिए वैश्विक मंच पर सराहना मिली है। जर्मनी के हैम्बर्ग में यूआईटीपी ग्लोबल पब्लिक ट्रांसपोर्ट समिट 2025 में ‘सार्वजनिक और शहरी परिवहन रणनीति’ के लिए एनसीआरटीसी को प्रतिष्ठित यूआईटीपी पुरस्कार मिला।
82 किमी लंबे कॉरिडोर का 55 किमी हिस्सा, न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक 11 स्टेशनों के साथ चालू है। 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली नमो भारत ट्रेनें 180 किमी प्रति घंटा की डिजाइन स्पीड के साथ बनी हैं। इसमें विश्व की पहली एलटीई-आधारित ईटीसीएस लेवल 3 सिग्नलिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीक है। ट्रेनों और स्टेशनों को बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए सुगम बनाया गया है, जिसमें 40 फीसदी से ज्यादा महिलाएं संचालन और प्रबंधन में सक्रिय हैं। समिट में इन विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई।
दिल्ली एनसीआर में आई आर्थिक और सामाजिक मजबूती
पर्यावरण के लिए एनसीआरटीसी ने 70 फीसदी बिजली नवीकरणीय स्रोतों से लेने, सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने, रीजनरेटिव ब्रेकिंग और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसी पहल की है। दिल्ली 2030 तक दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर बनने वाला है। ऐसे में, यह प्रोजेक्ट निजी वाहनों पर निर्भरता घटाकर सड़कों पर भीड़ और प्रदूषण कम करेगा। कॉरिडोर के आसपास रियल एस्टेट में उछाल आया है, जिसका श्रेय ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) मॉडल को जाता है। एनसीआरटीसी की इस परियोजना से दिल्ली एनसीआर में आर्थिक और सामाजिक अवसर बढ़ रहे हैं। इन उपलब्धियों के लिए एनसीआरटीसी को हाल ही में यूआईसी सस्टेनेबिलिटी इम्पैक्ट अवॉर्ड्स 2024 में भी ‘सीमलेस कनेक्टिविटी’ और ‘ओवरऑल विनर’ का खिताब भी मिला था।