राजस्थान में तंबाकू पर लगाम! अब बिना लाइसेंस नहीं बिकेगा गुटखा-सिगरेट

राजस्थान सरकार ने बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, जर्दा जैसे तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य युवाओं को तंबाकू की लत से बचाना और सार्वजनिक स्थलों को तंबाकू मुक्त बनाना है।

राजस्थान सरकार ने युवाओं को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाने और सार्वजनिक स्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य में बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, जर्दा जैसे तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। शहरी विकास एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। नई व्यवस्था जुलाई-अगस्त 2025 से लागू की जाएगी। इसके तहत विक्रेताओं को संबंधित नगर निगम, नगर परिषद या नगर पालिका से लाइसेंस प्राप्त करना होगा, जिसके लिए वार्षिक शुल्क 1,000 रुपये तय किया गया है।

पहले चरण में 10 शहरों में होगी शुरुआत
इस अभियान का पहला चरण जयपुर, जोधपुर, सीकर, अलवर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा, अजमेर, ब्यावर और नागौर जैसे प्रमुख शहरों में लागू किया जाएगा। आंकड़ों के अनुसार, केवल जयपुर में लगभग 46 हजार तंबाकू विक्रेता हैं, जिनमें से 20 हजार प्रमुख चौराहों और मुख्य सड़कों पर सक्रिय हैं। पूरे राज्य में इनकी संख्या करीब 2 लाख है।

18 साल से कम उम्र वालों को बेचने पर कार्रवाई
सरकार ने तंबाकू नियंत्रण को सख्ती से लागू करने के लिए कुछ सख्त नियम भी जोड़े हैं। यदि कोई लाइसेंसधारी विक्रेता 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही स्कूल, अस्पताल, बस अड्डों जैसे सार्वजनिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। यह पहल स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ-साथ तंबाकू की अवैध बिक्री को नियंत्रित करने और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

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