अदाणी समूह ने पुंछ में भारतीय सेना के पाइनवुड स्कूल के लिए बनवाया आधुनिक ऑडिटोरियम

अदाणी समूह ने भारतीय सेना के साथ मिलकर कश्मीर में एलएसी के नजदीक बच्चों की शिक्षा को लेकर बड़ी पहल की है। अदाणी समूह की कंपनी अदाणी डिफेंस और सीएसआर शाखा अदाणी फाउंडेशन की पहल के तहत पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास स्थित हमीरपुर के पाइनवुड स्कूल में एक अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और चारदीवारी का निर्माण करने में सहयोग दिया है।

चारदीवार इस संवेदनशील सीमा क्षेत्र में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और ऑडिटोरियम पढ़ाई से इतर सीखने-समझने और समग्र विकास के लिए एक मौका करेगा। जम्मू और कश्मीर के पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास बालाकोट सेक्टर में भारतीय सेना की बीजी ब्रिगेड हमीरपुर बटालियन द्वारा संचालित पाइनवुड स्कूल, वर्षों से इस दुर्गम और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है। भारतीय सेना ने स्कूल की शुरुआत 1995 में ‘ऑपरेशन सद्भावना’ के तहत 35 बच्चों के साथ की थी। वर्तमान में इस स्कूल में प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के 400 बच्चे पढ़ते हैं।

आधुनिक सुविधाओं से लैस है ऑडिटोरियम
बच्चों के लिए जिस ऑडिटोरियम का निर्माण करवाया गया है उसमें 510 लोगों के बैठने की क्षमता है। अदाणी डिफेंस और अदाणी फाउंडेशन द्वारा निर्मित इस ऑडिटोरियम में हमीरपुर के विद्यार्थियों के लिए सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए उचित सुविधाएं प्रदान की गई हैं।

ऑडिटोरियम का उद्घाटन मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी ने किया। जम्मू में रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि राष्ट्र निर्माण के प्रति अपनी निरंतर प्रतिबद्धता के तहत, भारतीय सेना ने अदाणी समूह के सहयोग से स्कूल को आधुनिक सुविधाओं से लैस ऑडिटोरियम औपचारिक रूप से समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि पाइनवुड स्कूल, हमीरपुर का यह अत्याधुनिक ऑडिटोरियम नियंत्रण रेखा के पास दूरदराज के स्थानों में रहने वाले बच्चों की शिक्षा के लिए आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं सुनिश्चित करेगा।

सेना और निजी कंपनियों की कदमताल
यह प्रयास भारतीय सेना और निजी कंपनियों की कदमताल का नतीजा है। लेफ्टिनेंट कर्नल बर्तवाल ने कहा कि हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए भारतीय सेना की गहरी प्रतिबद्धता है और इसमें विभिन्न कॉर्पोरेट घरानों का सहयोग प्राप्त हो रहा है।

बता दें कि जहां अदाणी समूह ने ऑडियोरिटम और चारदीवारी बनाने में सहयोग दिया है वहीं जेएंडके बैंक, जेएसडब्लू ग्रुप और एलन संस्थान ने भी दूसरी सुविधाओं के लिए सहयोग प्रदान किया है।
भारतीय सेना के प्रवक्ता के अनुसार इन परियोजनाओं से न केवल स्कूल में बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है, बल्कि यह दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने और उज्ज्वल भविष्य का सपना देखने के लिए प्रेरित करने का भी काम करेगी।

यह प्रयास दिखाता है कि किस तरह से निजी कंपनियां और सेना मिलकर सीमा रेखा के आसपास बसे दूर-दराज के क्षेत्रों में भी विकास के कार्यक्रमों को आगे बढ़ा सकती है जिससे वहां रहने वालों की जिंदगी आसान हो सके।

Related Articles

Back to top button