पंजाब: इकलौते सांसद के भाजपा में जाने से बिफरी आप

सुशील कुमार रिंकू 2017 में कांग्रेस विधायक बने थे। उन्होंने 2022 में कांग्रेस की टिकट पर दोबारा चुनाव लड़ा था, लेकिन आप उम्मीदवार शीतल अंगुराल के हाथों हार गए थे। पिछले साल चौधरी संतोख सिंह के निधन के बाद जालंधर में उपचुनाव हुए तो सुशील रिंकू को आप ने अपना उम्मीदवार बनाया था। वह लोकसभा में आप के एक मात्र उम्मीदवार थे।

आम आदमी पार्टी (आप) के एकमात्र सांसद और जालंधर से लोकसभा प्रत्याशी घोषित किए जा चुके सुशील रिंकू ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद से आम आदमी पार्टी उनके विरोध में उतर आई है। बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने रिंकू के सरकारी बोर्ड पर कालिख पोतकर उसे तोड़ दिया था।

वहीं गुरुवार को दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने रिंकू के भाजपा में शामिल होने पर सवाल उठाया। भारद्वाज ने कहा कि अगर भाजपा पंजाब में इतनी बुरी स्थिति में है, तो उसने हमारे सांसद रिंकू और विधायक शीतल अंगुराल को क्यों खरीदा? पंजाब के हमारे विधायकों ने हमें बताया कि उन्हें पाला बदलने और बीजेपी में शामिल होने के लिए पैसे की पेशकश की गई, उन्हें Y+ सुरक्षा और पद की पेशकश की गई। उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का भी ऑफर दिया गया।

भारद्वाज ने कहा कि आप किसी से भी आकलन के लिए पूछ सकते हैं, भाजपा जालंधर में चौथे स्थान पर आएगी। वे जो चाहें कर सकते हैं, लेकिन वे चौथे स्थान पर रहेंगे। बड़ा सवाल यह है कि एक सांसद भाजपा में क्यों जाएगा।

सांसद सुशील रिंकू के साथ ऑपरेशन लोटस प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने वाले आप विधायक शीतल अंगुराल ने भी बुधवार को दो साल बाद फिर से भाजपा में वापसी कर ली थी। शीतल अंगुराल पश्चिमी जालंधर सीट से विधायक हैं।

Related Articles

Back to top button