बिहार के दंगे में इस गांव को उजाड़ दिया गया, अब वही गांव बनने जा रहा स्मार्ट गांव..

दंगे में बांका के आराजी बाबरचक गांव उजाड़ दिया गया था। अब यह गांव स्मार्ट गांव बनने जा रहा है। जिससे गांव के लोग काफी खुश हैं। स्मार्ट विलेज में कुल 154 आवासों का निर्माण होना है। इसके साथ कई सुविधा होंगी।

संजय सिंह, भागलपुर। बांका जिले के रजौन प्रखंड स्थित बाबरचक में 11 एकड़ सरकारी भूमि पर सूबे का पहला स्मार्ट विलेज बनने जा रहा है। जहां इस स्मार्ट विलेज का निर्माण हो रहा है, पहले भी उसके इर्द-गिर्द आबादी बसती थी। पूर्व बिहार को कलंकित करने वाले 1989 के दंगे ने आराजी बाबरचक गांव को उजाड़ दिया।

पहले का आराजी बाबरचक गांव अब चिरागी से बेचिरागी बन चुका है। यहां के लोग जो अपनी जन्मभूमि को छोड़ कर निकले, उनमें से कुछ धोरैया प्रखंड के बलियास में जाकर बस गए। कुछ लोग भागलपुर के अगरपुर और पीथना में रह रहे हैं।

अब फिर से उजड़ी जगह पर स्मार्ट सिटी बनने से गांव के लोग उत्साही हैं। गांव के लोगों का कहना है कि स्मार्ट विलेज से उनका भी भला होगा। रजौन के पूर्व प्रमुख और वर्तमान जिला परिषद सदस्य सुमन कुमार पासवान बताते हैं कि आज से डेढ़ दशक पहले तक इस गांव में आने के लिए सड़क नहीं थी। गांव से तकरीबन तीन किलोमीटर पहले नवादा बाजार में बाइक और अन्य गाड़ियां खड़ी कर लोग पैदल आते थे।

सुमन कहते हैं कि अब यहां सूबे का पहला स्मार्ट विलेज बनने जा रहा है। यह मेरी पंचायत के लिए गौरव की बात है। कुछ इसी तरह की बात गांव की मुखिया आरती देवी भी कहती हैं। उनका कहना है कि स्मार्ट विलेज में जो अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं, उसका लाभ तो आसपास के लोगों को भी मिलेगा ही। इससे दशकों तक उपेक्षित इस क्षेत्र में विकास को नया आयाम मिलेगा।

इन विभागों के माध्यम से होगा काम

सड़क निर्माण कार्य की जिम्मेदारी कार्यपालक अभियंता प्रमंडल को दी गई है। पंचायती राज पदाधिकारी समुदायिक भवन का प्रस्ताव तैयार करेंगे। मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र और खेल मैदान के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है।

शिक्षा विभाग के सहायक अभियंता को माडल मध्य विद्यालय के साथ कैंपस की बाउंड्रीवाल का निर्माण कराना है। स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम को स्मार्ट विलेज में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करना है। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता स्मार्ट विलेज के विद्युतीकरण का कार्य करेंगे। पीएचईडी द्वारा मिनी जलापूर्ति योजना के लिए दो जल मीनों का निर्माण कराया जाएगा।

स्मार्ट विलेज में होंगी ये सुविधाएं 

स्मार्ट विलेज में तालाब, पार्क, आंगनबाड़ी केंद्र, मॉडल स्कूल, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, हर घर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, सामुदायिक भवन, मार्केटिंग कांप्लेक्स, सोलर स्ट्रीट लाइट, कूड़ा निस्तारण केंद्र, मंदिर बनाया जाएगा।

दो मौजों में बसेगा पूरा गांव

स्मार्ट विलेज में कुल 154 आवासों का निर्माण होना है। ये सभी आवास भूमिहीन और आवासविहीन परिवारों के बीच बंटेंगे। प्रखंड स्तर पर भूमिहीन और आवासविहीन परिवारों के चयन का काम चल रहा है। स्मार्ट विलेज दो मौजों में बसेगा।

मॉडल विलेज की खास बात

  • 20 डिसमिल जमीन पर कैंपस के अंदर मॉडल स्कूल का होगा निर्माण, पहली से आठवीं कक्षा तक होगी पढ़ाई
  • 30 डिसमिल जमीन पर बनेगा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, मामूली इलाज के लिए लोगों को नहीं जाना पड़ेगा दूसरी जगह
  • 2.1 किमी तक कैंपस के बीच से रोड का होगा निर्माण, धोरैया और रजौन दोनों प्रखंडों से जुड़ जाएंगे यहां के लोग
  • हर घर में सोख्ता पीट का निर्माण, ड्रेनेज सिस्टम से जोड़े जाएंगे हर घर
  • गली-गली में लगेंगी सोलर स्ट्रीट लाइट
  • 2 जल मीनारों का पीएचईडी से होगा निर्माण, मिनी जलापूर्ति योजना से लोगों के घर-घर तक पहुंचेगा नल का जल
  • 1 सामुदायिक भवन, मछली पालन के लिए एक तालाब और आंगनबाड़ी केंद्र का भी कैंपस का होगा निर्माण
  • 3 डिसमिल जमीन हर आवासविहीन और भूमिहीन लोगों को कराई जाएगी उपलब्ध, तय मॉडल के अनुरूप बनेगा भवन

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