ये सूर्य ग्रहण आंशिक कुंडलाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा इसलिए इसे हाइब्रिड नाम दिया गया..

साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण लग चुका है जो कि दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक समाप्त होगा। ये सूर्य ग्रहण आंशिक कुंडलाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी की तीन तरह का होगा। इसकी वजह से इसे हाइब्रिड नाम दिया गया है।

 सुबह-सुबह 2023 का सबसे पहला सूर्य ग्रहण लग गया है। सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर ये लगा है जबकि, दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक समाप्त होगा। आज के सूर्य ग्रहण को अत्यंत दुर्लभ माना जा रहा है क्योंकि यह एक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण है। हालांकि, भारत में इसे नहीं देखा जा सकेगा।

इन देशों में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

नासा के मुताबिक, हमारे देश में तो सूर्यग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा लेकिन जो लोग पश्चिम आस्ट्रेलिया, पूर्वी तिमोर और पूर्वी इंडोनेशिया में रह रहे हैं वो इसे देख पाएंगे। इसके अलावा ये अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में दिखाई देगा।

सूर्य ग्रहण देखने का समय भी जान लीजिए

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ग्रहण 19 अप्रैल की रात 10.29 बजे से 10.35 EDT तक यानी 2.29 से 2.35 GMT, 20 अप्रैल को दिखाई देगा, तो वहीं इंडोनेशिया में 19 अप्रैल को रात 11.23 बजे से रात 11.58 बजे EDT तक दिखाई देगा।

अगला सूर्य ग्रहण कब दिखेगा?

ऐसा माना जा रहा है कि इसके बाद ये सूर्य ग्रहण भारत में 2 अगस्त, 2027 में दिखाई देगा, ये उड़ीसा में दिखाई नहीं देगा। वहीं अगला कुंडलाकार सूर्य ग्रहण 2031 में होगा। एक ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, जिससे पृथ्वी की सतह पर छाया पड़ती है।

ग्रहण को हाइब्रिड कहे जाने की वजह

आज क्योंकि वैशाख अमावस्या के दौरान साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा है, इसकी वजह से इसका महत्व अधिक बढ़ जाता है। ये सूर्य ग्रहण आंशिक, कुंडलाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी की तीन तरह का होगा। इसकी वजह से इसे हाइब्रिड नाम दिया गया है।

आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूरज के कुछ हिस्सों को छिपा लेता है। जबकि, कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के बीच में आ जाता है। खास बात ये है कि इसमें सूर्य एक चमकदार रिंग के आकार में दिखाई देता है। वहीं पूर्ण सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को कुछ देर के लिए पूरी तरह से कवर कर लेता है।

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