राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भोपाल में सातवें अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का करेंगी शुभारंभ..

आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सातवें अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का शुभारंभ करेंगी। इस सम्मेलन में 15 देशों की सहभागिता होगी। इस साल का सम्मेलन नए युग में मानववाद का सिद्धांत विषय पर हो रहा है।

मध्य प्रदेश की राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आज सातवां अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन शुरू होने वाला है। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इस सम्‍मेलन का शुभारंभ करेंगी। यह सम्मेलन पांच मार्च तक चलने वाला है, इसमें भूटान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, नेपाल और भारत के संस्कृति मंत्री शामिल लेंगे। इस साल का सम्मेलन ‘नए युग में मानववाद का सिद्धांत’ विषय पर हो रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दोपहर करीब साढ़े ग्‍यारह बजे दिल्‍ली से भोपाल पहुंचीं। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद वह वापस दिल्ली रवाना हो जाएंगी। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे।

15 देशों की होगी सहभागिता

धर्म-धम्म के वैश्विक विचारों को एक मंच प्रदान करने वाले इस सम्मेलन में 15 देशों से 350 से अधिक विद्वान शामिल हो रहे हैं। इसमें भूटान, मंगोलिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाइलैंड, वियतनाम, नेपाल, दक्षिण कोरिया, मॉरिशस, रूस, स्पेन, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन की सहभागिता रहेगी। इसमें 115 शोध पत्र पढ़े जाएंगे।

कई बड़े विद्वान रखेंगे अपने विचार

परिचयात्मक (कीनोट) सत्र में राम जन्मभूमि न्यास के सचिव स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज, श्रीलंका के प्रो. कोटापितिये राहुल अनुष्का थेरो और स्वामीनारायण शोध संस्थान अक्षरधाम के महोमुखोपाध्याय साधु भद्रेश दास अपने विचार व्यक्त करेंगे। मुख्य सत्र में अमेरिका से प्रो. डेविड फ्राले, ब्रिटेन के डा. इयान बेकर, दक्षिण कोरिया के प्रो. जियो ल्योंग ली, थाइलैंड से डां. सुपची वीरपुचांग, चिन्मय मिशन के स्वामी मित्रानंद और पंजाब केंद्रीय विवि के चासंलर प्रो. जगबीर सिंह मौजूद रहेंगे।

पहली बार होगा मंत्री सत्र

सम्मेलन में पहली बार मंत्री सत्र भी होगा, जिसमें भूटान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, नेपाल और भारत के मंत्री शामिल होंगे। यह सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण होता है, जिसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की तरफ से सुरक्षा की पुख्ता तैयारी की गई है। विदेशी मेहमानों को मध्य प्रदेश की कला और संस्कृति से भी रूबरू कराया जाएगा।

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