लोकसभा चुनाव: अंबाला सीट से जीत की हैट्रिक की फिराक में भाजपा

अंबाला लोकसभा सीट पर जीत की लगातार हैट्रिक लगाने का रिकॉर्ड कांग्रेस के राम प्रकाश चौधरी के नाम दर्ज है। वहीं, चुन्नी लाल, सूरजभान, कुमारी सैलजा और रतनलाल कटारिया ही हैं जिन्होंने लगातार दो बार अंबाला लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की है। इस कड़ी में भाजपा इस सीट से जीत की हैट्रिक लगाना चाहती है।

अंबाला लोकसभा सीट भाजपा के लिए इस बार महत्वपूर्ण है। पार्टी यहां से जीत की हैट्रिक लगाना चाहती है। दो बार सांसद रहे दिवंगत रतनलाल कटारिया के बाद अब यह जिम्मेदारी उनकी पत्नी बंतो कटारिया के कंधों पर है। यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अंबाला लोकसभा सीट पर भाजपा की वापसी रतनलाल कटारिया और मोदी लहर के कारण ही संभव हो सकी। दूसरी तरफ कांग्रेस अपनी खोई जमीन पाने के लिए चुनाव मैदान में उतरेगी। हालांकि कांग्रेस बंतो कटारिया के मुकाबले में अभी अपना प्रत्याशी उतार नहीं पाई है।

कांग्रेस के नाम है हैट्रिक का रिकॉर्ड
अंबाला लोकसभा सीट पर जीत की लगातार हैट्रिक लगाने का रिकॉर्ड कांग्रेस के राम प्रकाश चौधरी के नाम दर्ज है। उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर वर्ष 1984, 1989 और 1991 के लोकसभा चुनावों में लगातार तीन बार जीत दर्ज कराई थी। इस रिकॉर्ड को आज तक कोई नहीं तोड़ पाया। भाजपा की टिकट पर वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में रतनलाल कटारिया लगातार दो बार इस सीट को जीत चुके थे। मगर तीसरी बार यह सीट जीत पाते इससे पहले ही उनका निधन हो गया। वह अंबाला सीट पर कुल तीन बार सांसद चुने गए। लगातार सीट जीतने वालों में रामप्रकाश चौधरी के तीन बार के अलावा चुन्नी लाल, सूरजभान, कुमारी सैलजा और रतनलाल कटारिया ही हैं जिन्होंने लगातार दो बार अंबाला लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की है।

कांग्रेस ने नौ बार अंबाला से हासिल की जीती
अंबाला लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने नौ बार जीत हासिल की है। सबसे पहले वर्ष 1952 में अंबाला सीट संयुक्त पंजाब में शामिल थी। तब यहां से पहले सांसद कांग्रेस के टेकचंद निर्वाचित हुए थे। इसके बाद कांग्रेस से जुड़ी सुभद्रा जोशी वर्ष 1957 में और फिर दो बार चुन्नी लाल यहां से जीत हासिल कर संसद पहुंचे। हरियाणा के गठन के बाद वर्ष 1967 में भारतीय जनसंघ से सूरजभान यहां से सांसद बने। मगर इसके बाद एक बार फिर कांग्रेस जीती और इस बार राम प्रकाश चौधरी सांसद बने।

वर्ष 1977 और 1980 में जनता पार्टी से सूरजभान लगातार दो बार सांसद चुने गए। इसके बाद कांग्रेस से राम प्रकाश चौधरी लगातार वर्ष 1984, 1989 और 1991 में सांसद बने और इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा लौटाने का काम किया। इसके बाद वर्ष 1996 में सूरजभान ने भाजपा को उभारा। मगर वर्ष 1998 में कांग्रेस और भाजपा को ऐसा समय भी देखना पड़ा कि दोनों पार्टी सांसद नहीं दे सकीं और इस बार बहुजन समाज पार्टी के अमन कुमार नागरा जीतकर आए।

वर्ष 1999 में भाजपा काे इस सीट पर रतनलाल कटारिया ने जीत दिलाई। मगर इस टर्म के बाद एक बार फिर से कांग्रेस आ गई और इस बार कुमारी सैलजा ने लगातार दो बार (वर्ष 2004 व 2009) भाजपा को आगे नहीं आने दिया। इसके बाद मोदी लहर आई तो भाजपा की फिर से वापसी हुई और रतनलाल कटारिया ने वर्ष 2014 और 2019 में यह सीट भाजपा की झोली में डाल दी।

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