हर किसी की नजर इस बात पर टिकी हैं कि निर्मला सीतारमण इस साल महिलाओं के लिए क्या सौगात लेकर आती है..

इस साल के बजट का पिटारा आज खुलने वाला है। हर किसी की नजर इस बात पर टिकी हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल महिलाओं के लिए क्या सौगात लेकर आती है। बता दें कि आगामी बजट में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ सकती है।

इस साल के बजट का पिटारा आज खुलने वाला है। हर किसी की नजर इस बात पर टिकी हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल महिलाओं के लिए क्या सौगात लेकर आती है। इस साल कयास लगाए जा रहे है कि आगामी बजट में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ सकती है।

पिछले साल महिलाओं की भागीदारी कम

वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में महिलाओं की हिस्सेदारी महज 4.32 फीसदी ही रही। इस साल के बजट में उम्मीदें है कि सरकार महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं की शुरूआत कर सकती है। पिछले साल महिलाओं के लिए 1,71,006 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था।

यह वित्त वर्ष 2021-22 में दिए गए बजट से 11 फीसदी ज्यादा था। वहीं, 2021-22 में बजट का 4.4 फीसदी हिस्सा महिलाओं के हिस्से में आया था, जो 2022-23 ये बढ़कर 4.32 फीसदी हो गया था। बजट में महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय को 2022-23 के 25,172.28 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे जो कि 2021-22 के मुकाबले 3 फीसदी ज्यादा है। इस बार भी इसकी संख्या अधिक हो सकती है।

महिला सशक्तिकरण के लिए चलाई गई योजना

2022-23 के वित्त वर्ष में मिशन शक्ति और महिला सशक्तिकरण के लिए भी कई योजनाएं चलाई गई। इसके लिए 3,184 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्सेज एजेंसी (CARA), नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) और नेशनल कमीशन फॉर वुमन के लिए भी वित्त मंत्री ने 152 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की थी।

सरकार नारी सक्श्तिकरण के लिए कर रही काम

वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा हुई थी। महिला और बाल विकास मंत्रालय की मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी योजनाओं को लाभ देने का ऐलान किया गया था।

वित्त वर्ष 2023-24 को लेकर राष्ट्रपति मुर्मू का बयान

संसद का बजट सत्र शुरू होने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महिला सशक्तिकरण केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सभी योजनाओं के मूल में रहा है। राष्ट्रपति ने संसद में अपने पहले संबोधन में कहा, ‘मेरी सरकार द्वारा शुरू की गई सभी योजनाओं के मूल में महिला सशक्तिकरण रहा है। आज हम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की सफलता देख रहे हैं। सैनिक स्कूल से मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूल तक हमारी बेटियां अब पढ़ रही हैं और ट्रेनिंग ले रही हैं। यह मेरी सरकार है जिसने मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया है।’

Related Articles

Back to top button