मर गई इंसानियत: 3000 दिए तब शव वाहन से मिला बालक का शव

राठ सीएचसी के शर्मनाक मामले को लेकर सीएमओ डॉ. गीतम सिंह ने कहा कि घटना की जांच कराई जाएगी, जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं, सीएचसी में डॉक्टरी परीक्षण में अवैध वसूली का खेल भी सामने आया है।

हमीरपुर जिले में राठ सीएचसी में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। सीएचसी के शव वाहन से बालक का शव लेकर गांव भेजने गए कर्मियों ने शव को उतारने के एवज में परिजनों से 3000 रुपये की वसूली की। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। अमर उजाला उजाला वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

सीएमओ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। कोतवाली क्षेत्र के बिलरख गांव निवासी कल्लू ने बताया 18 अप्रैल को बेटे सागर की शादी थी। कार्यक्रम में आए रिश्तेदार महोबा जिले के महोबकंठ थाने के परा बारी गांव निवासी बालचंद्र के पुत्र हिमांशु (14) की 19 अप्रैल को तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। 20 अप्रैल को पोस्टमार्टम होने के बाद सीएचसी के शव वाहन से शव को परा बारी गांव ले गए।

यहां वाहन चालक व उसके साथी ने तीन हजार रुपये की मांग की। जब रुपये ले लिए तभी शव को वाहन से उतारने दिया। अवैध वसूली का वीडियो भी उनके पास है। ऑनलाइन डीएम को शिकायती पत्र भेजा है। सीएमओ डॉ. गीतम सिंह ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी, जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। घटना को लेकर लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।

सीएचसी में डॉक्टरी परीक्षण में अवैध वसूली का खेल
राठ सीएचसी में डॉक्टरी परीक्षण में रिश्वतखोरी के खेल का मामला सामने आया है। रिपोर्ट में गंभीर चोटें दिखाने के नाम पर मारपीट में घायल से पांच हजार रुपये वसूले गए। गंभीर मामला नहीं बना तो घायल ने जमकर हंगामा किया। रुपये वापस कर उसे शांत करा दिया। सीएचसी में प्रसव के नाम पर अवैध वसूली, बाहरी दवाएं लिखने के मामले सामने आते रहते हैं। शुक्रवार को डॉक्टरी परीक्षण में हो रहे खेल का खुलासा हुआ।

गंभीर धाराएं बनाने के नाम पर लिए पांच हजार रुपये
कोतवाली क्षेत्र के कैंथा गांव निवासी कमलेश कुमार ने बताया शुक्रवार सुबह गांव में विवाद होने पर उनके साथ व भाई राम मिलन के साथ मारपीट हुई। पुलिस ने डॉक्टरी परीक्षण के लिए सीएचसी में भर्ती कराया। आरोप लगाया सीएचसी के एक कर्मचारी ने डॉक्टरी परीक्षण में गंभीर चोट दिखाने के एवज में उनसे पांच हजार रुपये ले लिए। आश्वासन दिया कि इस तरह डॉक्टरी रिपोर्ट बनाएंगे, जिससे गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत होगा।

एक-एक बोतल चढ़ाने के बाद बाकी दवा गायब कर दी
जब मुकदमे में मनमाफिक धाराएं नहीं लगीं तो कमलेश भड़क गए। सीएचसी पहुंच कर खरीखोटी सुनाते हुए जमकर हंगामा किया। जिसके बाद स्टाफ ने आनन फानन में रुपये वापस किए। वहीं, कमलेश का आरोप है उनसे 2700 रुपये की बाहर की दवा मंगाई गईं। उन्हें व उनके भाई को मात्र एक-एक बोतल चढ़ाने के बाद बाकी दवा गायब कर दी। अधीक्षक डॉ. अखिलेश कुमार सिंह ने कहा पोस्टमार्टम में ड्यूटी थी। वापस आने पर मामले की जानकारी हुई, तो रुपये वापस कराने के साथ स्टॉफ को सख्त निर्देश दिए हैं।

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