हरियाणा: कर्ण शिवानी गेहूं किस्म बन सकती है किसानों की लाडली

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने डीबीडब्ल्यू 327 को सर्वश्रेष्ठ फसल विज्ञान प्रौद्योगिकी के रूप में भी मान्यता दी थी। जिससे संस्थान के वैज्ञानिकों में भी खुशी है। इस किस्म की कुछ स्थानों पर सर्वाधिक उपज क्षमता 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पाई गई है।

करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) की ओर से तैयार गेहूं की किस्म डीबीडब्ल्यू 327 यानी ‘कर्ण शिवानी’ ने देश में उपज का नया कीर्तिमान बना लिया है। पिछले साल किसानों को मुहैया कराई गई एवं 2021 में रिलीज इस किस्म ने देश के बड़े गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा में शुरुआती परिणामों में पैदावार पांच से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक बढ़ा दी है।

सबसे खास बात ये है कि इस साल जारी की गई तीन नई किस्में डीबीडब्ल्यू 327 की रिकॉर्ड पैदावार को भी पार करती दिख रही हैं। जिससे उम्मीद की जा रही कि कर्णनगरी की ‘कर्ण शिवानी’ देशभर के किसानों की लाडली गेहूं किस्म बन जाएगी।

आईआईडब्ल्यूबीआर की ओर से रिलीज करने के बाद इसे दो साल किसानों तक पहुंचने में लगे, इस साल बहुत से किसानों ने इसे अपनाया। जिसके अब तक आए शुरुआती परिणामों में असाधारण पैदावार का प्रदर्शन किया है। आईआईडब्ल्यूबीआर के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह के अनुसार जलवायु अनुकूल और बायोफोर्टिफाइड किस्म को उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों के सिंचित क्षेत्र के लिए जारी किया गया था लेकिन परिणामों पर शोध जारी रहा। पिछले साल 2023 में इस किस्म को मध्य क्षेत्र के लिए भी अधिसूचित कर दिया गया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने डीबीडब्ल्यू 327 को सर्वश्रेष्ठ फसल विज्ञान प्रौद्योगिकी के रूप में भी मान्यता दी थी। जिससे संस्थान के वैज्ञानिकों में भी खुशी है। इस किस्म की कुछ स्थानों पर सर्वाधिक उपज क्षमता 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पाई गई है। इसकी औसत उपज 79.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक बताई गई है। जो गेहूं की पैदावार का एक नया बेंचमार्क है।

इसके साथ ही भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल की ओर से इसी साल रिलीज की गई डीबीडब्ल्यू 370, डीबीडब्ल्यू 371 व डीबीडब्ल्यू 372 किस्म ने भी 2021 में रिलीज डीबीडब्ल्यू 327 की सिर्फ बराबरी ही नहीं की बल्कि पैदावार के रिकॉर्ड को तोड़ती नजर आ रही है। इसमें डीबीडब्ल्यू 371 की पैदावार कहीं-कहीं कटिंग प्रयोगों में डीबीडब्ल्यू 327 से भी अधिक पाई जा रही है।

क्या बोले किसान
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के चियारथल खुर्द गांव के किसान दविंदर सिंह उर्फ हरजीत सिंह ने संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह को भेजे एसएमएस में बताया कि डीबीडब्ल्यू 327 किस्म से 33.70 क्विंटल प्रति एकड़ यानी 84 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार हुई है। वहीं हरियाणा के पानीपत जिले के बरौली गांव के किसान सुरेश कुमार ने संस्थान को बताया कि उन्होंने अपने खेत में इस बार डीबीडब्ल्यू 327 किस्म से 32.40 क्विंटल प्रति एकड़ (81 क्विंटल प्रति हेक्टेयर) गेहूं की पैदावार ली है। करनाल के गगसीना गांव निवासी जापान सिंह ने बताया कि मौसम कुछ खराब रहने के बावजूद उनके खेत में डीबीडब्ल्यू 371 की पैदावार 29 से 30 क्विंटल प्रति एकड़ रही है, जो अब तक सर्वाधिक है। आमतौर पर अन्य किस्मों से गेहूं की पैदावार 22 से 24 क्विंटल प्रति एकड़ रहती है।

नई गेहूं की किस्में तो इस साल ही कुछ किसानों को दी गई हैं, लेकिन उनकी पैदावार से किसान उत्साहित हैं, जिससे उम्मीद है कि इन तीनों नई किस्मों को किसान अपनाएंगे, इससे देश में गेहूं की पैदावार तेजी से बढ़ेगी। इसमें डीबीडब्ल्यू 370 चपाती के लिए सर्वोत्तम है, डीबीडब्ल्यू 372 किस्म खेतों में गिरती नहीं है, वहीं डीबीडब्ल्यू 371 की पैदावार डीबीडब्ल्यू 327 से भी अधिक है। – डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, निदेशक भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल।

Related Articles

Back to top button